जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते ने कार्रवाई करते हुए जोन 4 में गौशाला के पास न्यायालय के स्थगन आदेश की अवहेलना करते हुए जेडीए स्वामित्व की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माणों को ध्वस्त किया है. इसके साथ ही जोन 14 में बीलवा गांव फाटक के पास करीब 3 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर कृष्णाधाम के नाम से अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया है. जोन 00 में सेटबैक में पुनः अवैध निर्माण करने पर अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया गया है.
यह भी पढ़ें-जोधपुर में ACB की कार्रवाई, नगर निगम का बाबू और दलाल 1 लाख की रिश्वत के साथ गिरफ्तार
जेडीए के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी के मुताबिक जोन 4 में गौशाला के पास ओपन जेल के पीछे सांगानेर आसींद नगर में न्यायालय के स्थगन आदेश की अवहेलना करते हुए जेडीए स्वामित्व की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर करीब 30 मीटर लंबी बनाई गई बाउंड्रीवाल और अन्य अवैध अतिक्रमण व निर्माणों को ध्वस्त किया गया है. प्रवर्तन दस्ते ने जेसीबी मशीन और मजदूरों के सहायता से अवैध अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को हटाकर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया है.
प्रवर्तन अधिकारी जोन 4, जेडीए में उपलब्ध जाप्ता, लेबर गार्ड और जोन में पदस्थापित अमीन, कनिष्ठ अभियंता के निशानदेही पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. जोन 14 में ग्राम बीलवा फाटक के पास करीब 3 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर कृष्णाधाम के नाम से अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को भी जेडीए ने विफल किया है. जेडीए की अनुमति एवं स्वीकृति के बिना ही कॉलोनी बसाने का प्रयास किया जा रहा था. कॉलोनी बसाने के इरादे से सड़क के बाउंड्रीवाल और पत्थरगढ़ी कर ली गई थी. जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने सड़क, बाउंड्रीवाल, पत्थरगड़ी और अन्य अवैध अतिक्रमण को जेसीबी मशीन और मजदूरों की सहायता से ध्वस्त किया है.
यह भी पढ़ें-जेईई मेन सितंबर का परिणाम जारी, कोटा के 4 स्टूडेंट ने किया टॉप
जोन 14 के तहसीलदार और पटवारी की निशानदेही पर जेसीबी मशीन और मजदूरों की सहायता से ध्वस्त कर अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया है. जोन 1 के क्षेत्राधिकार में भूखंड संख्या सी-344 में हंस मार्ग मालवीय नगर में सेटबैक पर किए गए अवैध निर्माण को वर्ष 2017 में ध्वस्त किया गया था. निर्माणकर्ता की ओर से शुक्रवार को वापस आगे और साइड सेटबैक पर बायलॉज का वायलेशन कर अवैध रूप से बनी बालकनी एवं अन्य अवैध निर्माण को लोखंडा मशीन और मजदूरों की सहायता से वापस ध्वस्त किया गया है.