जयपुर.एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 ने कब्जेधारी और गृह निर्माण सहकारी समिति के विवाद में तत्कालीन पंच निर्णायक और इंस्पेक्टर, सहकारिता जेडीए पार्वती मीणा को तीन साल की सजा सुनाई है. दरअसल यह फैसला कब्जेधारी के पक्ष में फैसला देने की एवज में सुनाया गया. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर तीन लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि खातीपुरा निवासी राजवीर सिंह ने 19 नवंबर 2007 को एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपने प्लॉट पर साल 1992 से काबिज है. इसके बाद साल 2002 में प्लॉट को दादा गनफूल सिंह के नाम से जेडीए में ट्रांसफर कराया था. इस दौरान उसे पता चला कि वैशाली अरबन कॉपरेटिव बैंक से उस प्लॉट पर चन्द्रकांता अजमेरा ने 13 लाख रुपए का लोन ले रखा है. इस पर उसने अलग से मुकदमा भी दर्ज कराया था.