जयपुर.कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत को भी अपनी चपेट में ले लिया है. जिसके कारण देश में लॉकडाउन है. ऐसे में गरीब, बेसहारा, दिहाड़ी मजदूर के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है लेकिन इस वैश्विक महामारी में समाजसेवी, सरकार इस प्रयास में लगे हैं कि किसी को इस संकट के दौरान भूखा न सोना पड़े. इसी क्रम में जयपुर के कानोता में राजस्थान की सबसे बड़ी रसोई संचालित हो रही है, जहां से प्रतिदिन 25 हजार से अधिक लोगों का खाना बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है.
इस जनता रसोई के संचालन में जयपुर जिला कलेक्टर, जयपुर पूर्व के सभी थानों और बस्सी उपखंड प्रशासन समेत कई एनजीओ मदद कर रहे हैं. रसोई में सुबह 5 बजे से खाना बनना शुरू हो जाता है, जो शाम 5 बजे तक चलता है. रसोई से हर रोज लगभग 25,000 भोजन के पैकेट बनाए जाते हैं, जो जयपुर जिला कलेक्टर, जयपुर पूर्व के सभी थानों और बस्सी उपखंड प्रशासन समेत कई एनजीओ के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं. इस रसोई का एक ही मकसद है कि इस लॉकडाउन में किसी को खाली पेट न सोना पड़े.
150 से अधिक लोगों को मिला रोजगार
प्रदेश में जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, तब से ये जनता रसोई निरंतर जरूरतमंदों तक खाना पहुंचा रही है. हीरावाला रीको इंडस्ट्रियल एरिया के महासचिव और समाजसेवी रींकू अग्रवाल बताते हैं कि भामाशाह के सहयोग से जनता रसोई 50 दिनों से अधिक समय से लगातार चल रही है. इस रसोई के जरिए गरीब जरूरतमंद, बेसहारा, मजदूर लोगों को भोजन तो मिल ही रहा है, उसके साथ ही रसोई ने लोगों को रोजगार मुहैया कराया है. इस रसोई से जुड़े सभी काम में लगभग 150 से भी ज्यादा लोग लगे हैं, जो भोजन बनाने से पैकेट बनाकर बांटने का काम करते हैं.