जयपुर.छोटी काशी में बुधवार को जलझूलनी एकादशी पर ठाकुर जी को डोल में विराजमान कर यात्राएं निकाली गई. जलाशयों में ठाकुर जी को नौका विहार और स्नान कराया गया. वहीं जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ग्वाल झांकी के बाद शालिग्राम जी को खाट पर विराजमान कर तुलसी मंच पर ले जाया गया और पंचामृत अभिषेक किया (Jal Jhulni Ekadashi celebrated in Jaipur) गया.
जलझूलनी एकादशी पर भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा अर्चना की गई. भगवान कृष्ण के जन्म के 18वें डोल ग्यारस उत्सव के रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि इसी दिन माता यशोदा ने नन्हे कान्हा को डोल में बैठा कर तालाब के घाट पर ले जाकर जल और घाट की पूजा की थी. यही परंपरा बुधवार को छोटीकाशी जयपुर में भी निभाई गई. जहां ठाकुर जी को फूलों से सजी पालकी में विराजमान कर जयकारा लगाते हुए परकोटे में तालकटोरा और नजदीकी जलाशयों तक ले जाया गया. यहां भगवान को स्नान करा नौका विहार भी कराया गया. साथ ही डोल यात्राएं निकाली गई.
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