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जयपुर: ग्रेटर निगम में बीवीजी को दी जाएगी सीख, हेरिटेज निगम में एक और मौका..

जयपुर में स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत एक नहीं बल्कि दो रैंक मिलेगी. जिसमें ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम अलग-अलग स्वच्छ सर्वेक्षण में भाग लेने वाले हैं. हालांकि दोनों ही निगम में फिलहाल बीवीजी कंपनी डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने का काम कर रही है.

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Published : Dec 1, 2020, 7:08 AM IST

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राजधानी को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत मिलेगी दो रैंक

जयपुर.राजधानी को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में एक नहीं बल्कि दो रैंक मिलेगी. ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम अलग-अलग स्वच्छ सर्वेक्षण में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि दोनों ही निगम में फिलहाल बीवीजी कंपनी ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने का काम कर रही है लेकिन ग्रेटर निगम मेयर बीवीजी के काम से संतुष्ट नहीं हैं.

राजधानी को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत मिलेगी दो रैंक

ऐसे में उन्होंने एक जोन में निगम के संसाधनों से सफाई कर बीवीजी को सीख देने का फैसला लिया है. बता दें कि राजधानी में सफाई व्यवस्था की मौजूदा स्थिति बेहद खराब है. साथ ही कदम-कदम पर सड़कों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं और डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर घर तक नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में अब ग्रेटर नगर निगम की मेयर को शहर की चिंता सताने लगी है.

यहीं, वजह है कि उन्होंने अब बीवीजी को सीख देने का फैसला लिया है. ग्रेटर निगम मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कहा है कि बीते 2 साल से बीवीजी का काम निराशाजनक है. इसे लेकर जनता में भी आक्रोश है. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी वार्डों में सफाई नहीं हो रही है और डोर टू डोर कचरा संग्रहण को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है. ऐसे में निगम के पास जो संसाधन उपलब्ध हैं.

उससे एक जोन में सफाई व्यवस्था बेहतर कर बीवीजी को दिखाया जाएगा और बीवीजी को यदि निगम के साथ काम करना है तो इसी तरह का काम करेगी. हालांकि हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर बीवीजी कंपनी को एक और मौका देने की बात कह रही हैं. उनका कहना है कि बीवीजी अभी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है. हालांकि बीवीजी ने कुछ वेंडर्स के साथ रिटेंडर किया है. अब उनका काम देखा जाएगा.

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उनके कार्यकाल के पहले जो हुआ उस आधार पर वो कोई फैसला नहीं लेंगी. यदि फिर भी बीवीजी ठीक से काम नहीं कर पाई तो जरूर दूसरा विकल्प देखा जाएगा. वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण में जयपुर 2017 से भाग ले रहा है. बीते चार सालों में अब तक जयपुर की सर्वश्रेष्ठ रैंक 28वीं रही है. जबकि इस बार लक्ष्य अव्वल आने का है लेकिन ये बात तय है कि जब तक डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्थित नहीं हो पाएगा, तब तक अव्वल आना महज एक सपना भर है.

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