जयपुर.शाहपुरा स्थित बाबा गंगादास राजकीय महिला महाविद्यालय में चल रहे आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का मंगलवार को समापन हुआ. इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षकों ने छात्राओं को आपातकाल परिस्थितियों में आत्मरक्षा करने का प्रशिक्षण दिया. इस दौरान प्रशिक्षकों ने आत्मरक्षा में पंच मारना, हाई किक, स्वयं को बचाना आदि कलाओं का डेमो द्वारा प्रशिक्षण दिया
आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का समापन शाहपुरा स्थित बाबा गंगादास राजकीय महिला महाविद्यालय में चल रहे आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ. इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षकों ने छात्राओं को आपातकाल परिस्थितियों में आत्मरक्षा करने का प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान प्रशिक्षकों ने आत्मरक्षा में पंच मारना, हाई किक, खुद को बचाना आदि कलाओं का नमूने के माध्यम से शिक्षण दिया. छात्राओं में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेने का उत्साह भी काफी नजर आया.
पढ़ेंः व्यख्याता भर्ती परीक्षाः सरकार ने निकला बीच का रास्ता...यहां पढ़ें
छात्राओं का कहना था कि वर्तमान में लड़कियों के साथ जो घटनाएं सामने आ रही है, उन स्थितियों का मुकाबला करने के लिए यह शिविर उनके लिए फायदेमंद है. आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के बाद उनमें आत्मविश्वास आया है. प्राचार्य डॉ. अनामिका सिंह ने कहा कि आज के समय में जहां हर समय जीवन खोने का खतरा बना हुआ हैं, ऐसे में खासकर बच्चियों और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने की वेशेष आवश्यकता है. छात्राओं को आत्मरक्षा के तरीकों के बारे और विकट परिस्थति से निपटने की शिक्षा देने की व्यवस्था की आवश्यकता हैं. जिससे वे आपातकाल परिस्थितियों में होने वाले नुकसान से होने से बच सके.
पढ़ेंः जयपुर के कोटपूतली में दोपहर में भी धुंध के चलते थम गई ट्रैफिक, एएसपी ने सावधानीपूर्वक गाड़ी चलाने की अपील की
इसी दौरान ट्रेनर श्रद्धा कुंदन सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो स्वयं की रक्षा के तरीकों को जानकर खुद को इतना योग्य बनाए कि विकट हालातों में भी वह अपने जीवन का बचाव कर पाए. ट्रेनर अमर सिंह चावला ने कहा कि हमें सुरक्षा के नए तरीके सीखने चाहिए और महिलाओं को भी आत्मरक्षा करनी सिखानी चाहिए. हमारी खुद की सुरक्षा हमारे हाथ में हैं और हमें उसका प्रयोग करना आना चाहिए. जिस दिन सब आत्मरक्षा करना सीख जाऐंगे उस दिन वह बिना किसी डर के घूम पाऐंगे. इस दौरान पुष्पा अग्रवाल, हर्षिता राठौड़ समेत कई शिक्षिकाएं व छात्राएं मौजूद रही.