जयपुर. राजस्थान के गांवों और शहरों को प्लास्टिक के जहर से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण प्रकोष्ठ ने एक अनूठा अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत RSS के बाल स्वयंसेवको के साथ युवाओं ने जल-जमीन-जनता को बचाने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए सिंगल यूज पॉलिथिन और वेस्ट प्लास्टिक की बोतल से ईको ब्रिक्स का निर्माण किया जा रहा है.
गली-कॉलोनियों में बिखरे प्लास्टिक के कचरे और वेस्ट पॉलिथीन को खाती गौमाता की तस्वीरें अक्सर हमें दिखाई पड़ती है. इसके कारण हमारा शहर भी खराब दिखता है और गायों की प्लास्टिक खाने से मौत भी हो जाती है. इसके अलावा पर्यावरण पर भी इसका घातक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में प्लास्टिक की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है और इसको डी-कम्पोज होने में हजारों साल का समय लगता है. लेकिन अब इस कचरे से निजात पाने के लिए RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ईको ब्रिक्स तैयार कर रहा है.
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बाल स्वयंसेवक रोज बनाते हैं ईको ब्रिक्स
पर्यावरण और पशुओं के साथ-साथ हमारे लिए भी प्लास्टिक बड़ा खतरा है. इससे बचने का पहला कदम इसे उपयोगी बनाना है. इसके लिए RSS के बाल स्वयंसेवक अपनी पढ़ाई से एक घंटे का समय निकालकर रोजाना ईको ब्रिक्स के निर्माण में जुट जाते हैं. जहां बिना लागत और कुछ ही समय में ईको ब्रिक्स बनाकर तैयार हो जाता है. बाल स्वयंसेवक सिंगल यूज प्लास्टिक थैलियों को एक प्लास्टिक की बोतल में ठूंस-ठूंस कर भरते हैं, जिससे इसमें खाली जगह नहीं रहे और फिर इसे कुछ दिन रखा जाता है, जिसके बाद पूरी तरह से सूख कर ईको ब्रिक्स तैयार हो जाता है.
लोगों को किया जा रहा जागरूक