जयपुर.कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को जीतने के लिए जयपुर पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. इसी क्रम में पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से संचालित अभय कमांड सेंटर और साइबर सेल को अब कोरोना वॉर रूम में तब्दील कर दिया गया है. कोरोना वॉर रूम में अलग-अलग शिफ्ट के अंदर पुलिसकर्मी 24 घंटे कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र पर निगरानी रख रहे हैं तो इसके साथ ही विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी पैनी नजर रखी जा रही है. कोरोना वॉर रूम कैसे शहर के चप्पे पर निगरानी रख रहा है, इसकी कार्यप्रणाली जाने ईटीवी भारत वॉर रूम पहुंचा, जहां वॉर रूम एसीपी ने विस्तृत जानकारी दी.
राजधानी में कर्फ्यू की शर्तों की अवहेलना करने वाले लोगों पर कार्रवाई के साथ-साथ सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए कोरोना को लेकर अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ वॉर रूम के माध्यम से सख्त कार्रवाई की जा रही है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के कोरोना वॉर रूम से किस प्रकार शहर के चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है और विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट की मॉनिटरिंग की जा रही है यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम कोरोना वॉर रूम पहुंची. जहां कोरोना वॉर रूम एसीपी राजेश मलिक ने ईटीवी भारत को तमाम कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इसके साथ ही कोरोना वॉर रूम के द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में भी अवगत करवाया.
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले 17 लोग गिरफ्तार
कोरोना वॉर रूम में संचालित साइबर सेल लगातार 24 घंटे विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. जहां पर बड़ी स्क्रीन के साइबर एनालिसिस प्लेटफॉर्म के माध्यम से उन तमाम मैसेज पर नजर रखी जा रही है, जो लगातार ट्रेंड में है और पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. इन मैसेजेस को सोशल मीडिया नेटवर्किंग के जिन प्लेटफार्म के माध्यम से और जिन अकाउंट के माध्यम से शेयर किया जा रहा है, उन पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है.
ऐसे लोगों को चिन्हित करने के बाद उनके खिलाफ नेशनल डिजास्टर एक्ट, राजस्थान एपिडेमिक एक्ट और आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया जा रहा है. अब तक सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए अफवाह फैलाने वाले 70 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा चुका है और 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.