जयपुर.नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई करने वाली गैंग से जुड़े हुए अन्य लोगों की तलाश और धरपकड़ के लिए जयपुर पुलिस की 3 टीमें उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए रवाना हो गई हैं. कोतवाली थाना पुलिस मामले में गैंग के सरगना डॉ. जितेश अरोड़ा सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने जयपुर शहर में 1000 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई किए थे. इंजेक्शन के नकली होने का खुलासा बुधवार देर शाम को आई लैब की रिपोर्ट में हुआ. जिसके बाद पुलिस कमिश्नरेट के आला अधिकारियों के निर्देश पर गैंग से जुड़े दूसरे सदस्यों को पकड़ने के लिए टीमें बिहार और उत्तर प्रदेश रवाना हो गई हैं.
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जांच रिपोर्ट में इंजेक्शन नकली पाए जाने पर अब पुलिस पूर्व में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए गए प्रकरण में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27-ए भी जोड़ रही है. जिसमें 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही जिस प्रकार से गैंग के सदस्यों ने नकली इंजेक्शन की शीशी पर रैपर व अन्य चीजें अंकित की. उसे देखते हुए आईपीसी की विभिन्न धाराएं भी इस प्रकरण में जोड़ी जाएंगी.
गौरतलब है कि 21 अप्रैल को कोतवाली थाना पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के जुर्म में रामावतार और उसके दो अन्य साथी शंकर दयाल, विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया था. आरोपियों से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस गैंग के सरगना दिल्ली एनसीआर के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. जितेश अरोड़ा तक पहुंची. जब पुलिस ने आरोपियों से बरामद किए गए इंजेक्शन की लैब में जांच कराई तो वह सभी इंजेक्शन नकली पाए गए.