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बेवजह हॉर्न बजाने वालों सावधान ! हो सकती है 5 साल तक की जेल साथ ही...1 लाख रुपए का जुर्माना

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Published : Oct 14, 2021, 9:31 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 10:51 PM IST

जयपुर में बेवजह वाहनों के हॉर्न बचाने वालों की अब खैर नहीं होगी. जयपुर पुलिस जल्द ही बेवजह हॉर्न बचाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है.

Jaipur Police, Motor Vehicle Act
बेवजह हॉर्न बजाने वालों हो जाओ सावधान

जयपुर.सड़कों पर वाहन चलाते वक्त बेवजह हॉर्न बजाकर ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहन चालकों की अब खैर नहीं है. जयपुर पुलिस जल्द ही लापरवाही बरतते हुए बेवजह हॉर्न बजाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है. जिसके तहत अब वाहन चालकों को 5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.

दरअसल मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में हुए संशोधन में बेवजह हॉर्न बजाकर ध्वनि प्रदूषण (noise pollution) उत्पन्न करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सजा को पहले की तुलना में बेहद सख्त बनाया गया है. जिसे लेकर जयपुर पुलिस लगातार 'नो हॉन्किंग अभियान' (no honking campaign) चलाकर वाहन चालकों को जागरूक करने का काम कर रही है. साथ ही वाहन चालकों को हॉन्किंग के चलते उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में भी अवगत करवाया जा रहा है.

जयपुर में बेवजह हॉर्न बजाने वालों हो जाओ सावधान

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एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि दीपावली से पूर्व त्योहारी सीजन में लोग बड़ी संख्या में वाहन खरीदते हैं. जिसे देखते हुए वाहन बेचने वाले डीलर्स को भी वाहन चालकों को नो हॉन्किंग को लेकर जागरूक करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही जयपुर पुलिस लगातार ट्रांसपोर्टर्स, बस ऑपरेटर और विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर भी लोगों से बेवजह हॉर्न न बजाने की अपील कर रही है. साथ ही लोगों को यह बताया जा रहा है कि अनावश्यक हॉर्न बजाने से किस तरह से मानसिक और शारीरिक रूप से समस्याएं उत्पन्न होती है. उनके क्या दुष्परिणाम हैं.

नए एमवी एक्ट के तहत अनावश्यक हॉर्न बजाना गैर कानूनी

एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि नए एमवी एक्ट के तहत अनावश्यक हॉर्न बजाना गैर कानूनी है. जिसके चलते वाहन चालक के खिलाफ पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम (environmental protection act) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है. जिसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान है और 1 लाख रुपए का जुर्माना भी वाहन चालक को भरना पड़ सकता है. लगातार बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के चलते नए एमवी एक्ट के तहत सजा के प्रावधानों को काफी कड़ा किया गया है. जिसे ध्यान में रखते हुए वाहन चालकों को अनावश्यक हॉर्न नहीं बजाना चाहिए और साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए.

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शहर के जितने भी साइलेंस जोन है जिसमें तमाम शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, सचिवालय और वीवीआईपी एरिया आदि शामिल हैं. वहां पर 50 डेसिबल से अधिक साउंड का होना ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आता है. इसके साथ ही शहर के जितने भी रेजिडेंशियल एरिया हैं, वहां यदि साउंड का स्तर 55 डेसिबल से अधिक है तो वह ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आता है. अनावश्यक हॉर्न बजाने के चलते जो ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होता है वह निर्धारित मापदंडों से काफी अधिक होता है. जिसके चलते अब वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है.

Last Updated : Oct 14, 2021, 10:51 PM IST

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