जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को बजट पेश करते हुए, जयपुर के विकास कार्यों पर 700 करोड़ रुपए खर्च करने और कई नए प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की है. हालांकि पेट्रोल-डीजल, महंगाई और दूसरी राहत की आस लगाए बैठे जयपुर की जनता इन घोषणाओं से संतुष्ट नजर नहीं आई. वहीं व्यापारियों ने कहा कि सरकार ने राहत के सपने दिखाए हैं.
जयपुर को मिली ये सौगातें :
- इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिकल एंड वायरोलॉजी और इंस्टिट्यूशन ऑफ कार्डियोलॉजी की स्थापना
- s.m.s. मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार
- महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नमेंट एंड सोशलॉजी साइंसेस
- राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड लर्निंग
- 200 करोड़ रुपए से राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी
- नए रेजिडेंशियल स्पोर्ट्स स्कूल
- राजस्थान इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन
- फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी पार्क
- संभाग मुख्यालय पर अल्पसंख्यक बालक छात्रावास
- 700 करोड रुपए की लागत से शहर में विकास कार्य
- प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 40 हैंडपंप और 10 ट्यूबवेल
- जयपुर आयुक्तालय में तीन नवीन थाने बनाए जाएंगे
- दोनों निगम में 30-30 किलोमीटर मुख्य सड़कों के मेजर रिपेयर कार्य
जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र में रहने वाले लोगों और व्यापारियों ने गहलोत सरकार के बजट 2021 को आम जनता को राहत देने वाला नहीं बताया. हालांकि व्यापारी को टैक्स, वैट, एंट्री टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स और लग्जरी टैक्स की बकाया मांग, विवाद निस्तारण और न्यायालय में लंबित प्रकरणों के निस्तारण, ब्याज एवं शास्ति में छूट के लिए एमनेस्टी स्कीम 2021 लाई जाएगी. इसके साथ ही ई-वे बिल जारी करने की सीमा 50 हजार रुपए से एक लाख की गई है और त्रुटि पूर्ण डिक्लेरेशन फॉर्म को संशोधित करने और डिक्लेरेशन फॉर्म को पेश करने की अवधि भी बढ़ाई गई है. हालांकि आम जनता को इस से कोई लेन-देन नहीं है और ना ही विकास कार्य में कुछ विशेष घोषणा की गई है.