जयपुर. देश के लिए शहीद होने वाले जवानों को हर कोई अपने तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित करता है. जयपुर के चित्रकार चंद्र प्रकाश गुप्ता ने भी अपनी ऑयल पेंटिंग से कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. 20 साल से तेल चित्रकारी के जरिए अब तक उन्होंने शहीदों के 270 से अधिक चित्र बनाए हैं. जिन्हें वे शहीदों के परिजनों को देते हैं.
ऑयल पेंटिंग से शहीदों को श्रद्धांजलि उन्होंने बताया कि शहीदों के प्रति कुछ कर गुजरने के उनके जुनून के चलते ही उन्होंने ऑयल पेंटिंग शुरू की. हाल ही में दिल्ली दंगे में शहीद हुए सीकर निवासी दिल्ली पुलिस के जवान रतनलाल का चित्र बनाया है. जिसे वे लॉकडाउन खत्म होने के बाद खुद जाकर शहीद रतनलाल के परिजनों को भेंट करेंगे.
चंद्र प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि जब कारगिल का युद्ध हुआ था, तो उसमें राजस्थान के 74 सैनिक शहीद हुए थे. उस समय भी माहौल कुछ ऐसा ही था जैसे वर्तमान में कोरोना हो लेकर है. उन्होंने कहा कि उस समय मेरी उम्र 26 साल थी. उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं कोटा में अजय आहूजा का ऑयल पेंट भेंट करने कोटा उनके घर गया था, जो कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे. गुप्ता ने बताया कि वे जब 18 साल के थे तब से चित्र बनाने का काम कर रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि उनके इस काम से खुश होकर तत्कालीन राज्यपाल अंशुमान सिंह ने उनसे संपर्क किया. चंद्र प्रकाश ने बताया कि वो मुझे अपने बेटे की तरह मानते थे, और कई बार खुद मुझे सरकारी विमान से शहीदों के ऑयल पेंट बांटने के लिए ले गए. वे जब भी कहीं शहीद की मूर्ति अनावरण के लिए लेकर जाते तो मुझे साथ ले जाते.
पुलवामा शहीदों के भी तेल चित्र बनाए
चंद्र प्रकाश गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों भरतपुर के 22 वर्षीय जवान सौरभ कटारा के शहीद होने पर भी उन्होंने उनका ऑयल पेंट बनाकर उनके परिजनों को भेंट किया था. इसके अलावा पुलवामा अटैक में भी राजस्थान के 5 जवान शहीद हुए थे, उनमें से 4 शहीदों को वे ऑयल पेंट बनाकर भेंट कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जवान के शहीद होने के कुछ महीनों बाद वे उनके परिजनों से मिलने जाते हैं. जहां ऑयल पेंट भेंट करने के साथ उनकी समस्याओं के बारे में भी जानते हैं. जिसके समाधान के लिए भी पूरा प्रयास करते हैं. चंद्र प्रकाश ने बताया कि अंशुमान सिंह जब राज्यपाल थे उस समय राजभवन में भी कई शहीदों के पोर्ट्रेट उनके हाथ से शहीदों के परिजनों को दिलवाए हैं.
चंद्र प्रकाश गुप्ता ने कहा कि सौरभ कटारा के परिजनों की भी एक समस्या थी, तो मैंने गवर्नर हाउस से समय लेकर उन्हें राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलवाया और उनकी समस्या का समाधान भी करवाया. वर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र से भी वे दो-तीन शहीदों के पोर्ट्रेट उनके परिजनों को भेंट करवा चुके हैं.
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प्रशस्ति पत्र और स्टेट अवार्ड से सम्मानित
चंद्र प्रकाश गुप्ता को इस कला के लिए साल 2000 में राष्ट्रपति केआर नारायणन से प्रशस्ति पत्र और 2001 में राज्य सरकार से स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है. इसके अलावा सैकड़ों अवार्ड अलग-अलग संस्थाओं से भी उन्हें प्राप्त हो चुके हैं. गुप्ता तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायण को भी राष्ट्रपति भवन में उनके सामने ही उनका पोर्ट्रेट बनाकर भेंट कर चुके हैं.
शहीदों की फोटो मिलने में होती थी मुश्किल
चंद्र प्रकाश गुप्ता ने बताया कि जब मैंने शहीदों के ऑयल पेंट बनाना शुरू किया था उस समय उनकी फोटो प्राप्त करने में मशक्कत करनी पड़ती थी. ऐसे में सैनिक कल्याण बोर्ड और डीपीआर के चक्कर काटने पड़ते थे, या उनके परिजनों को पत्र लिखकर फोटो मंगवाई जाती थी. लेकिन अब जैसे ही मुझे जवान के शहीद होने की सूचना मिलती है तो मैं तुरंत उनके परिजनों से संपर्क कर व्हाट्सएप पर फोटो मंगवा लेता हूं.
चित्रकार चंद्र प्रकाश गुप्ता ने कहा कि वे शहीदों के ऑयल पेंट देने गांवों और ढाणियों तक पहुंचते है और उनके परिजनों से मुलाकात करते हैं. जिससे उन्हें एक सुकून मिलता है. अब तक 270 से ज्यादा शहीदों के ऑयल पेंट बना चुके है. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उनके स्टूडियो में विजिट कर चुके है.