जयपुर. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को दूसरे दिन भी ईडी के सामने पेश हुए. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. राजस्थान के भी कई नेता ऐसे हैं, जिनके ऊपर हुई ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई की टाइमिंग पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं और इन्हें कांग्रेस पार्टी ने संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग बताया है. चाहे राजस्थान के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास हों, राजस्थान पर्यटन निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ हों या फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत, सभी पर हुई ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई पर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं.
इतना ही नहीं, राजस्थान में जब सियासी उठापटक चल रही थी उस समय सीबीआई भी एक्शन में आ गई थी. कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के साथ ही (Questions on Timing of ED Action) मुख्यमंत्री के स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर देवाराम सैनी को भी आनन-फानन में पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय बुलाया गया था.
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास : ईडी ने एक पुराने मामले में राजस्थान में सियासी संकट के समय साल 2020 में न केवल मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, बल्कि उनके भाई और पिता को भी ईडी के नोटिस मिले. नोटिस मिलने के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ईडी मुख्यालय पूछताछ के लिए पहुंचे भी.
धर्मेंद्र राठौड़ : राजस्थान के पर्यटन निगम के चेयरमैन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ इनकम टैक्स की रेड हुई और वह रेड भी उस दिन हुई जब सियासी संकट के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गुट के सभी विधायकों को बुलाकर मुख्यमंत्री आवास पर बैठक कर रहे थे. इस रेड के तुरंत बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को होटल में बड़ेबंदी में शिफ्ट कर दिया. धर्मेंद्र राठौड़ अपने ऊपर हुई इनकम टैक्स की कार्रवाई को राजनीतिक दुर्भावना की कार्रवाई बताते हैं.
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राजीव अरोड़ा : मुख्यमंत्री के करीबी और बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए राजीव अरोड़ा पर भी उसी दिन कार्रवाई हुई, जिस दिन धर्मेंद्र राठौड़ के आवास पर हुई. इस कार्रवाई को भी मुख्यमंत्री के नजदीकी होने का असर बताते हुए संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग के आरोप लगे.