जयपुर. अदालत ने कहा कि हमें केवल यह नहीं देखना है कि बेटी को प्राकृतिक संरक्षण दिया जाए, बल्कि उसका हित व कल्याण सर्वोपरि है. बच्ची अब 14 साल की हो गई है और उसने अपने नानी के पास रहने की इच्छा जाहिर की है. ऐसे में पिता की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाता है.
मामले के अनुसार महिला ने 14 अगस्त को बच्ची को जन्म दिया था. वहीं, अगले दिन उसकी मौत हो गई. उस समय बच्ची के ननिहाल पक्ष के लोग उसे लेकर अपने साथ चले गए. वहीं, बच्ची को वापस नहीं लौटाने पर उसके पिता ने फैमिली कोर्ट में परिवाद पेश कर बच्ची की अभिरक्षा की मांग की.