Special: जयपुर नगर निगम की खाली 'तिजोरी', बीते साल की तुलना में 1/6 हिस्सा ही रेवेन्यू किया जा सका कलेक्ट
देश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. इस लॉकडाउन के कारण जयपुर नगर निगम का वर्तमान राजस्व बिलकुल खाली पड़ा है. इस साल के मद में नगर निगम काफी पिछड़ गया है. वहीं, 2 महीने बीत जाने के बाद निगम की तिजोरी में महज 3 करोड़ 64 लाख रुपए का राजस्व ही आ पाया है.
जयपुर नगर निगम नहीं वसूल पा रहा राजस्व
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Published : Jun 8, 2020, 5:10 PM IST
जयपुर.बीते वित्तीय साल में जिस जयपुर नगर निगम ने 177 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूली कर 3 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था. उसी नगर निगम की झोली वर्तमान वित्तीय साल खाली पड़ी है. कोरोना महामारी की वजह से शहरी सरकार की अर्थव्यवस्था भी बिगड़ सी गई है. यही वजह है कि प्रथम तिमाही के 2 महीने बीत जाने के बाद निगम की तिजोरी में महज 3 करोड़ 65 लाख रुपए का राजस्व ही आ पाया है.
इसे कोरोना महामारी का साइड इफेक्ट ही कहेंगे, कि इस साल शहरी सरकार को राजस्व का टोटा पड़ा हुआ है. नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत यूडी टैक्स हो या फिर होर्डिंग से होने वाली वसूली इस साल सभी मदों में निगम पिछड़ गया है. कई मद तो ऐसी हैं, जिसमें निगम खाता भी नहीं खोल पाया है.
जयपुर नगर निगम नहीं वसूल पा रहा राजस्व
कोविड-19 के दौर में वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही के 2 महीने रेवेन्यू की दृष्टि से बेहद खराब रहे हैं. यूडी टैक्स में महज 12 लाख 75 हजार आ पाएं हैं. जबकि इसी मद में पिछली साल अब तक 5 करोड़ 12 लाख जमा किया गया था.
इस संबंध में रेवेन्यू उपायुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि एक बहुत बड़ा बदलाव इस साल देखने को मिला है. रेवेन्यू की सभी मदों में बीते साल की तुलना में 1/6 हिस्सा ही वसूल किया जा सका है. बीते साल इस समय तक 21 करोड़ 90 लाख रुपए की नगर निगम की आमदनी थी. जो आज महज 3 करोड़ 65 लाख रुपए है. ऐसे में इस साल रेवेन्यू का काफी नुकसान हुआ है.
मद 2019-20
मद 2020-21
यूडी टैक्स- 512.92 लाख
यूडी टैक्स- 12.75 लाख
होर्डिंग- 839.11 लाख
होर्डिंग- 81.05 लाख
अर्बन असेसमेंट- 11.94 लाख
अर्बन असेसमेंट- 12.14 लाख
कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट- 245.04
कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट- 31.20 लाख
पार्किंग- 25.97
पार्किंग- 0.00
मैरिज गार्डन- 12.97 लाख
मैरिज गार्डन- 21.28 लाख
मोबाइल टॉवर- 237.08 लाख
मोबाइल टॉवर- 3.06 लाख
होटल रेस्टोरेंट- 0.00 0.00
होटल रेस्टोरेंट- 0.00 0.00
रोड कटिंग- 57.92 लाख
रोड कटिंग- 20 हजार
सीवर कनेक्शन- 1.22 लाख
सीवर कनेक्शन- 0.00
कैरिंग चार्ज- 19.21 लाख
कैरिंग चार्ज- 1.22 लाख
जेडीए- 0.00
जेडीए- 58 हजार
अन्य- 236.54 लाख
अन्य-202.37 लाख
हालांकि निगम की आस अभी भी बरकरार है. राज्य सरकार की ओर से लीज मनी, यूडी टैक्स और हाउस टैक्स में बढ़ाए गए छूट के प्रावधान के चलते नगर निगम को उम्मीद है कि इससे लोगों को तो फायदा मिलेगा ही, निगम का रेवेन्यू भी जनरेट होगा और खाली पड़ी तिजोरी परिस्थितियां सामान्य होने के साथ फिर से भरेगी.