जयपुर. कोरोना संकट काल में भाजपा जहां लगातार अपने जन सेवा कार्य और मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने में जुटी है. वहीं, प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही. इसी कड़ी में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान बोहरा ने केंद्र की मोदी सरकार और जयपुर शहर भाजपा के सेवा कार्य मीडिया में रखें वही प्रदेश सरकार पर भी निशाना साधा.
जयपुर सांसद ने वीसी के जरिए की प्रेस वार्ता बता दें, कि बोहरा ने कहा कि कोरोना संकटकाल में जयपुर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जी जान से जरूरतमंदों की सेवा की. बोहरा के अनुसार जयपुर शहर के 6000 कार्यकर्ताओं ने कोरोना संकट के दौरान जयपुर में ही 50 लाख भोजन के पैकेट समाजसेवी संगठनों के सहयोग से बांटे. बोहरा ने बताया, कि आमजन में सेनिटाइजर और मास्क का वितरण भी किया गया और लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक भी किया गया. बोहरा ने यह भी कहा, कि जयपुर की औद्योगिक इकाइयां और कपड़ा मिल वापस उसी गति से काम कर सके जिस तरह पहले करती थी.
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बोहरा ने इस दौरान प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा, कि जिस तरह प्रदेश सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है उसके चलते राशन वितरण में काफी अनियमितता हुई. बोहरा ने कहा, कि हमने सरकार से आपदा की इस घड़ी में गरीब लोगों के बिजली और पानी के बिल माफ करने की मांग की. लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. बोहरा ने बिजली पानी के लंबित बिलों पर पेनल्टी लगाए जाने के निर्देश का भी विरोध किया और सरकार से तीन वहां के बिजली-पानी के बिल माफ करने की मांग की.
बोहरा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
सांसद रामचरण बोहरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर पैरामेडिकल डिप्लोमा अध्ययनरत विद्यार्थियों को भर्ती परीक्षा में शामिल करने की मांग की है. पत्र में बोहरा ने लिखा कि साल 2015-16 और साल 2016-17 के राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल के अंतर्गत डिप्लोमा पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कोरोना काल में घोषित सहायक रेडियोग्राफर के 1058 और लैब टेक्नीशियन के 1119 पदों पर की जाने वाली भर्ती परीक्षा में शामिल करने का आग्रह किया है.
बोहरा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया, कि राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल की लापरवाही और उदासीनता के चलते 2 वर्षीय पाठ्यक्रम 4 वर्षों में भी पूर्ण नहीं होने से ये विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होने से वंचित होने के भय से मानसिक अवसाद में है.