जयपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में 2013 में निकली गई एलडीसी भर्ती को पूरा करने के लिए एक बार फिर मांग शुरू हो गई है. जिसको लेकर शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने शहीद स्मारक पर सांकेतिक धरना दिया. जहां बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर अपनी आवाज को बुलंद किया.
LDC सीधी भर्ती मामले में अभ्यर्थियों का आंदोलन शुरू बता दें कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान 19 हजार 275 पदों पर भर्ती निकली थी. जिसमें 50 फीसदी पद संविदा कर्मचारियों और 50 प्रतिशत नए अभ्यर्थियों को लेना था. भर्ती को पूरा करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने कहा की सरकार ने संविदा पर लगे 9 हजार 246 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया,लेकिन अभी तक नए अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया. ऐसे में अभ्यर्थियों द्वारा सरकार को कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा. ऐसे में अभ्यर्थियों ने धरना देकर सरकार से भर्ती को पूरा करने की मांग रखी.
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दरअसल ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग में 18 मार्च 2013 को कनिष्ठ लिपिक सीधी भर्ती के कुल 19 हजार 275 पदों का विज्ञापन निकाला गया था. इन पदों की स्वीकृति वित्त विभाग ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 15 जनवरी 2013 को हुई बैठक में दी थी. बैठक में वित्त विभाग ने इस शर्त पर पदों की स्वीकृति दी थी कि 50 फीसदी पद संविदाकार्मिकों और 50 फीसदी पद गैर संविदा कार्मिकों (फ्रेशर) अभ्यर्थियों से भरे जाएं. पंचायती राज विभाग ने मुख्य सचिव के निर्देशों को नजरअंदाज कर अब तक 9 हजार 246 पद संविदाकर्मियों से भर दिए, क्योंकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, एमबीसी के अभ्यर्थियों को संविदा पर नहीं लगाया गया था. इसके कारण उन्हें 10, 20 और 30 बोनस अंकों का लाभ नहीं मिला. विभाग ने साजिश के तहत मेरिट लिस्ट कॉमन बनाकर नियुक्ति दे दी, जिससे फ्रेशर अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह गए.