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Jaipur Literature Festival 2022: हाशिए पर छोटे भारत की तस्वीर दिखाती 'एक देश बारह दुनिया' - Rajasthan Hindi News

'एक देश बारह दुनिया' किताब के जरिए लेखक शिरीष खरे ने अपनी किताब में हाशिए पर छोटे भारत की तस्वीर दर्शाते हुए बारह अलग-अलग क्षेत्रों की स्थिति को रिपोतार्ज शैली में प्रदर्शित किया गया है. JLF 2022 में खरे ने बताया कि जिस भारत को हम जानबूझकर या अनजाने में अनदेखा करते हैं, उस भारत को किताब में साहित्य के जरिए उकेरने का प्रयास किया है.

book unveiled named Ek Desh Barah Duniya
हाशिए पर छोटे भारत की तस्वीर दिखाती 'एक देश बारह दुनिया'

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Published : Mar 12, 2022, 5:35 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 11:52 PM IST

जयपुर.'एक देश बारह दुनिया' किताब के जरिए लेखक शिरीष खरे ने उपेक्षित भारत की स्थिति को बयां किया. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF 2022) में अपनी किताब के तीसरे संस्करण के विमोचन के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में खरे ने बताया कि जिस भारत को हम जानबूझकर या अनजाने में अनदेखा करते हैं, उस भारत को किताब में साहित्य के जरिए उकेरने का प्रयास किया है.

अपनी किताब में हाशिए पर छोटे भारत की तस्वीर दर्शाते हुए खरे ने बारह अलग-अलग क्षेत्रों की स्थिति को रिपोतार्ज शैली में प्रदर्शित किया गया है. इन हालातों को पत्रकारिता के मानकों के अनुरूप कहानी के रूप में सजाया गया है. इसका दृष्टिकोण सामाजिक विज्ञान का और भाषा साहित्य की है. उन्होंने कहा कि हमारे पास आंकड़े बहुत हैं, लेकिन आंकड़ों के पीछे छिपे हुए चेहरे नहीं मिलते. 'एक देश बारह दुनिया' उन्हीं चेहरों की कहानी है. जब उनकी कहानियां पकड़ते हैं, तो असली भारत दिखाई देता है, जो शहरी क्षेत्र की चकाचौंध से दूर है.

हाशिए पर छोटे भारत की तस्वीर दिखाती 'एक देश बारह दुनिया'

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  • वह कल मर गया - भुखमरी और पलायन की समस्या दर्शाती है.
  • पिंजरे नुमा कोठियों में जिंदगी - कमाठीपुरा मुंबई की कहानी है.
  • अपने देश के परदेसी - एक जनजाति की कहानी है.
  • कोई सितारा नहीं चमकता - सैय्यद मदारी कम्युनिटी के जीवन का चित्रण है.
  • गन्ने के खेत में चीनी कड़वी - कर्नाटक में गन्ने की कटाई करने वाले लोगों पर होने वाले शोषण की कहानी है.
  • सूरज को तोड़ने जाना है - पारसी बच्चों की कहानी है.
  • मीराबेन को नींद नहीं आती - सूरत से हटाए गए झुग्गी झोपड़ी वालों की कहानी है.
  • वे तुम्हारी नदी को मैदान बना जाएंगे - नर्मदा के संकटों को बयां करती है.
  • सुबह होने में देर है - राजस्थान थार में महिला अनाचार से जुड़ी कहानी है.
  • दंडकारण्य यूं ही लाल नहीं है - बस्तर को एक पत्रकार अपने इस नजरिए से देखता है, उसे बयां करती है.
  • खंडहरों में एक गाइड की तलाश - धरोहरों को उपेक्षित कर, भू माफियाओं की नजर किस तरह उस जमीन पर है, इसे दर्शाती है.
  • धान के कटोरे में राहत का धोखा - धान उत्पादक छोटे किसानों की कहानी है.

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खरे ने बताया कि रिपोतार्ज एक विधा है, जो अखबार और साहित्य में होती है. लेकिन फिलहाल ये विधा उपेक्षा का शिकार हो रही है. इस विधा में प्रत्यक्षदर्श अनुशासन के साथ साहित्य शैली भी आती है. अपनी किताब में वो खुद एक कैरेक्टर के रूप में सूत्रधार बने हैं.

Last Updated : Mar 12, 2022, 11:52 PM IST

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