जयपुर:मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने निर्देश दिए हैं कि श्रम एवं कौशल विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और पुलिस विभाग मिलकर भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर मॉडल को सफल बनाएं. सचिवालय में Rajasthan Skill and Livelihood Development Corporation यानी आरएसएलडीसी (RSLDC) के माध्यम से शुरू किए गए 'भोर' कार्यक्रम की बैठक में ये निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा है कि प्रदेश भर से भिक्षावृत्ति का उन्मूलन और भिखारियों का पुनर्वास किया जाए.
जयपुर शहर में करीब 1162 भिक्षावृत्ति में लगे लोगों का एक सर्वे किया गया था, जिसमें 898 भिखारी ऐसे पाए गए, जो किसी कौशल को सीखकर काम करना चाहते हैं. अब ऐसे भिक्षुकों को 3 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसमें प्रशिक्षणार्थियों के 2 बैचेज बनाए गए हैं. रूचि के अनुसार कोर्सेज के हिसाब से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा.
पढ़ें:SPECIAL : कभी रोटी के लिए फैलाने पड़े थे हाथ...अब ये भिखारी नहीं, स्टूडेंट हैं, ट्रेनिंग के बाद मिलेगी नौकरी
इनमे से कई ऐसे हैं, जिन्होंने पहले कैटरिंग, बावर्ची, सिलाई का काम किया है. उसी अनुभव और रूचि के मुताबिक इन्हें कोर्स और प्रशिक्षण करा रहे हैं. प्रशिक्षण अवधि में प्रतिदिन 225 रुपये जीवन निर्वाह भत्ता राशि भी दी जा रही है.
कौशल विकास और आजीविका विकास निगम ऐसे 40 लोगों के जीवन में एक नई भोर लेकर आया है. उन्हें न केवल साफ-सुथरे माहौल में रहने को मिल रहा है बल्कि तय समय पर चाय, नाश्ता और खाना भी मिल रहा है. इसके साथ ही उनकी दिनचर्या सुव्यवस्थित रखने के लिए उन्हें योग, खेल-कूद और सत्संग से भी जोड़ा जा रहा है.
पढ़ें:चूरू में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए चलाया जा रहा अभियान, भिक्षा में पैसे के जगह दिया जाएगा खाद्य सामग्री
इससे पहले भी श्रम विभाग अलग-अलग विभाग और संस्थाओं के साथ मिल कर राजधानी को भिक्षावृति मुक्त करने का प्रयास किया गया , लेकिन कुछ वक्त के बाद अभियान कागजों में ही सिमट कर रहा गया. जबकि होना यह चाहिए था कि जयपुर के अलावा अन्य जिलों में पहले इस प्रोजेक्ट को शुरू करते और उसे मॉडल के रूप में पेश करते.
राजस्थान में हर साल लाखों की संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक जयपुर की कला-संस्कृति और धरोहर को देखने आते हैं. लेकिन यहां हर चौराहे पर बच्चे , महिलाएं , बुजुर्ग , दिव्यांग आप को हाथ फैलाए भीख मांगते दिख जाएंगे. अगर जयपुर भिक्षावृति मुक्त हो तो पर्यटक भी यहां अच्छी तस्वीर लेकर जाएं और अपने देश-प्रदेश की अच्छी इमेज पेश करें.