जयपुर. राजधानी में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा में डिजिटल म्यूजियम के कार्य का शुभारंभ किया. इस मौके पर गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि इस डिजिटल म्यूजियम को बनाने में करीब 13 करोड़ रुपये खर्च होंगे और जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के माध्यम से इस अत्याधुनिक डिजिटल म्यूजियम बनाने का काम किया जाएगा. इस तैयार होने में करीब 9 महीने का समय लगेगा यह म्यूजियम पूरी तरह से नई टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा.
बता दें कि इसमें मल्टीमीडिया, 3D, 2D एनीमेशन एडवांस ग्राफिक, 3D प्रोजेक्शन मैपिंग, स्कल्पचर्स, डिजिटल इंटरैक्टिव इंटरफ़ेस के जरिए राजस्थान के कई रूप देखने को मिलेंगे. राजस्थान की राजनीतिक व अन्य हस्तियों की स्टोरी ऑडियो और विजुअल के माध्यम से देखने को मिलेगी. राजस्थान विधानसभा के लॉअर ग्राउंड और ग्राउंड फ्लोर पर इसका काम किया जाएगा. राजस्थान की लोकतांत्रिक यात्रा पर इस डिजिटल म्यूजियम का निर्माण होगा. लोअर ग्राउंड पर एनिमेटेड डायरॉमा, 3 डी प्रोजेक्शन मैपिंग, डायरॉमा, इंटरेक्टिव कियोस्क, म्यूरल्स, पेंटिंग देखने को मिलेगी. वहीं लोअर ग्राउंड में टॉक बैक स्टूडियो, 14 एलईडी स्क्रीन, 5 इंटरेक्टिव कियोस्क, 40 ग्राफिकल मैकेनाइज्ड इंस्टॉलेशंस सहित 13 स्कल्पचर्स में राजस्थान और राजस्थान की हस्तियों को जानने और समझने का मौका मिलेगा.
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वहीं जयपुर आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों को भी राजस्थान विधानसभा में हाई टेक्नोलॉजी पर आधारित यह डिजिटल म्यूजियम देखने को मिलेगा. संविधान दिवस के अवसर पर बुलाए गए 2 दिन के विशेष विधानसभा सत्र स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका उद्घाटन किया. इस अवसर पर स्पीकर सीपी जोशी, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे. देश की आजादी में राजस्थान के योगदान को भी म्यूजियम में दिखाया जाएगा. कटारिया ने कहा कि राजस्थान के एकीकरण में मेवाड़ की भूमिका और सबसे पहले भोपाल सिंह की ओर से एकीकरण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने और आदिवासी नेता के गोविंद गुरु के अंग्रेजों से लड़ाई में योगदान को भी इस म्यूजियम में जगह दी जाए.