जयपुर.प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत सोमवार से दोबारा शिविर शुरू किए (Prashasan shehro ke sang abhiyan resumes in Jaipur) गए. हेरिटेज निगम ने राज्य सरकार से मिले 20 हजार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वार्डों में कैंप लगाना शुरू कर दिया है. उनका फोकस 69ए के ज्यादा से ज्यादा पट्टे बांटने पर है. वहीं ग्रेटर नगर निगम ने अधिकतर योजनाओं में जेडीए से पट्टे बांटे जाने का हवाला देते हुए 5 हजार 400 का ही लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ग्रेटर निगम 'निगम आपके द्वार अभियान' की शुरुआत करेगा.
प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत होने पर ग्रेटर नगर निगम में महापौर सौम्या गुर्जर और आयुक्त महेंद्र सोनी पट्टे बांटने शिविर पहुंचे. हालांकि जो पट्टे बांटे गए उन पर कार्यवाहक महापौर शील धाभाई की मोहर होने से ये स्पष्ट था कि पट्टे पुराने हैं, जिन्हें अब जाकर दिया जा रहा है. वहीं महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि सरकार की ओर से बहुत सारी छूट दी गई हैं. आम व्यक्ति को अपनी जमीन का पट्टा मिल सके, कच्ची बस्तियों में भी पट्टा मिले, इसे ध्यान में रखते हुए 'निगम आपके द्वार अभियान' शुरू किया जा रहा है.
जयपुर ग्रेटर निगम शुरू करेगा 'निगम आपके द्वार अभियान' जल्द लांच होगी हेल्पलाइन: इसके जरिए हर वार्ड तक पहुंच कर अभियान को गति दी (Jaipur Greater Municipal Corporation to start Nigam Aapke Dwar Abhiyan) जाएगी. जो लोग शिविर तक नहीं पहुंच सकते हैं, उनके घर जाकर पट्टा दिया जाएगा. इसके साथ ही नगर निगम से जुड़ी दूसरी समस्याओं के समाधान को लेकर भी आम जनता के बीच जाएंगे. महापौर ने कहा कि अभियान के तहत आमजन की समस्या का निस्तारण उन्हीं के घर पर किया जाएगा. इसकी एक हेल्पलाइन नंबर भी लांच की जाएगी. वहीं उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता के विकास कार्यों के लिए हर दल को आगे रहना चाहिए.
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हालांकि सोमवार को बांटे गए पट्टों पर कार्यवाहक महापौर शील धाबाई की मोहर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये एक प्रक्रिया है. जो लोग पहले नहीं आ पाए, उन्हें कॉल करके आज दोबारा बुलाया गया है. इससे पहले महापौर ने विभिन्न जोन कार्यालयों पर लगे शिविरों का औचक निरीक्षण भी किया. वहीं आयुक्त महेंद्र सोनी ने स्पष्ट किया कि जेडीए से कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के पट्टे, 69ए के तहत पट्टे, कुछ पुरानी यूआईटी के समय की योजनाओं में बचे हुए पट्टे और कच्ची बस्ती के पट्टे वितरित किए जा रहे हैं. इसके अलावा लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने, लीज मुक्ति, नाम ट्रांसफर जैसे काम भी अभियान में किए जा रहे हैं.
पट्टा देने में डिस्प्यूट जैसी समस्या आती है: ऐसे में इस अभियान को सिर्फ पट्टों तक सीमित नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि ये महज संख्या निर्धारित करने से नहीं होगा. जितने आवेदन आए हैं उनमें कोई फैसिलिटी एरिया, हाईटेंशन लाइन से प्रभावित या इकोलॉजिकल जोन में नहीं है. इसीलिए इन्हें सुनिश्चित करते हुए ज्यादा से ज्यादा पट्टे देने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई बार पट्टा देने में विवाद और टाइटल क्लियर नहीं होने जैसी समस्याएं सामने आती हैं. ऐसे में थोड़ा समय जरूर लगता है, क्योंकि इस मामले में गलती की गुंजाइश नहीं है.
ग्रेटर नगर निगम में जिस तरह के आवेदन आए हैं, उसमें कई कॉलोनियां इकोलॉजिकल जोन और हाईटेंशन लाइन के नीचे हैं. नियमों में परिवर्तन होने के बाद बाधा यदि दूर हुई है तो ऐसे निरस्त प्रकरणों की फाइलों को भी दोबारा खोला जाएगा. वहीं आयुक्त ने कहा कि जो पत्रावली जेडीए से प्राप्त हुई हैं, उनमें अधिकतर पट्टे पहले ही जेडीए दे चुका है. जो बड़ी आसानी से दिए जाने थे वो जेडीए ने दे दिए हैं. जिनमें कुछ कठिनाइयां थी, वो बचे रह गए. ऐसे में राज्य सरकार ने नगर निगमों को 20 हज़ार पट्टे बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन ग्रेटर निगम में 5400 पट्टे बांटने का ही लक्ष्य रखा है.
जेडीए ने 1327 पट्टे किए जारीःप्रशासन शहरों के संग अभियान के दोबारा शुरू हुए शिविरों के पहले ही दिन जेडीए ने 2 मई को 1327 पट्टे जारी किए. जिसमें जोन 12 ने सर्वाधिक 502 पट्टे जारी किए गए. जयपुर विकास आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जेडीए की ओर से 1327 पट्टे जारी किए गए, जिसमें लीज होल्ड 225 पट्टे और फ्री-होल्ड 1102 पट्टे जारी किए गए. इसके अलावा 92 नाम ट्रांसफर, 42 उप विभाजन, 796 बिल्डिंग प्लान अनुमोदन, 271 बकाया लीज और एक मुश्त लीज प्रमाण पत्र जारी किए गए. उन्होंने बताया कि जेडीए की ओर से मई में 296 शिविर आयोजित किए जाएंगे.
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उधर, हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में वार्ड वाइज कैंप की शुरुआत हुई है. जनता से ज्यादा से ज्यादा आवेदन मिल सके, इसके लिए अभियान में मिली छूट का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. हेरिटेज निगम क्षेत्र में ज्यादा जोर 69ए के पट्टे बांटने पर रहेगा. इसे लेकर राज्य सरकार ने भी काफी छूट प्रदान की है. डीसी प्लानिंग सुरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि 31 दिसंबर 2018 से पहले के रहवास का कोई सबूत या फिर भूखंड के टाइटल के चेन ऑफ डॉक्यूमेंट उसके पास हैं, तो उस आधार पर पट्टा दिया जा सकता है.
वहीं कुछ ऐसे प्रकरण भी सामने आए जिसमें जमीन के कागजात बैंकों में जमा हैं और आवेदक फ्रीहोल्ड पट्टा चाहता है. ऐसी स्थिति में या तो आवेदक बैंक से पट्टा लेकर नया फ्रीहोल्ड पट्टा बैंक में जमा कराएं या फिर बैंकर पुराना पट्टा लेकर शिविर स्थल पर पहुंचे. नगर निगम इस पट्टे को आवेदक की सहमति से बैंकर को पट्टा दे देगी. हेरिटेज निगम क्षेत्र में 4 जोन और मुख्यालय पर पट्टे देने का कार्य किया जा रहा है. मुख्यालय में जेडीए से हस्तांतरित योजनाओं में पट्टे भी आवंटित किए जा रहे हैं.