जयपुर. प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी को रोकने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने एक्शन शरू कर दिया है. वहीं इस लेटलतीफी में कार्रवाई के दौरान खुद प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन की पत्नी भी फंस गई. बताया जा रहा है कि वह जांच अभियान के दौरान दफ्तर से नदारद थी. इसके बाद जांच अधिकारियों ने इसकी सूचना आर वेंकटेश्वरन को दी तो उन्होंने अपनी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश.
औचक निरीक्षण की जांच में प्रमुख सचिव वेंकेटेश्वरन की पत्नी भी पाई गई अनुपस्थित बता दें कि सचिवालय के बाहर हुए औचक निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारियों नदारद पाए गए. इसी कड़ी में प्रशासनिक सुधार विभाग की 8 सदस्यीय टीम ने एसएमएस हॉस्पिटल, चिकित्सा निदेशालय, उद्योग भवन और खनिज भवन में औचक निरीक्षण किया.
भारी संख्या में गजेटेड, नॉन गजेटेड ऑफिसर पाए गए अनुपस्थित
वहीं प्रशासनिक सुधार विभाग के इस एक्शन से सभी विभागों में हड़कम्प मच गया हैं. टीम के प्रभारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया की एसएमएस अस्पताल में 1499 नॉन गजेटेड में से 632, यानि कि 42.16 प्रतिशत चिकित्सा कर्मी अनुपस्थित मिले. इसी प्रकार चिकित्सा निदेशालय में 193 में से 64 गजेटेड, यानि कि 33.16 प्रतिशत चिकित्सा कर्मी अनुपस्थित मिले.
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बताया जा रहा है कि चिकित्सा निदेशालय में 430 में से 241 यानि 56.04 प्रतिशत नॉन गजेटेड ऑफिसर अनुपस्थित मिले. साथ ही उद्योग भवन में 147 गजेटेड ऑफिसर में से 87, यानि कि 59.18 प्रतिशत अनुपस्थित मिले. उद्योग भवन में नॉन गजेटेड में 582 में से 358 यानि कि 61.51 प्रतिशत एब्सेंट पाए गए. खनिज विभाग में कुल 153 में से 69 यानि 45.09 प्रतिशत एब्सेंट पाए गए.
औचक निरीक्षण की टीम ने जब्त की उपस्थिति पंजीका
इसके बारे में सहायक अनुभाग अधिकारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशानिक सुधार विभाग की ओर से चलाया गया औचक निरीक्षण अभियान के चौथे दिन निरीक्षण टीम सचिवालय से बाहर के दफ्तरों तक पहुंच गया है. प्रशानिक सुधार विभाग की टीम सहायक सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में शुक्रवार सुबह 8 बजे एसएमएस अस्पताल औचक निरीक्षण के लिए पहुंची. जहां पर 21 उपस्थिति रजिस्टर जब्त किए गए.
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ऐसे में अब प्रशानिक विभाग यह जांच कर रही है कि कितने कर्मचारी समय पर उपस्थित हुए और कितने अनुपस्थित रहे. इसके बाद प्रशानिक सुधार विभाग की टीम ने उद्योग भवन, चिकित्सा और स्वास्थ्य भवन में औचक निरीक्षण किया. यहां औचक निरीक्षण की टीम उपस्थिति पंजीका जब्त की. इसमें स्वास्थ्य विभाग के 43 और उद्योग भवन के 71 उपस्थिति पंजीका थी.
निरीक्षण के पहले ही दिन भीरी संख्या में अनुपस्थित पाए गए
बता दें कि प्रशानिक सुधार विभाग की ओर से कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी की शिकायतों पर 1 अक्टूबर से औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया गया था. पहले तीन दिन ये अभियान शासन सचिवालय में चला, जहां पर पहले दिन 71 से 72 फीसदी तक कर्मचारियों और अधिकारियों अनुपस्थित पाय गए थे. हालांकि ये अनुपस्थिति का आंकड़ा तीसरे दिन तक आते-आते 7 फीसदी से 16 फीसदी के बीच तक पहुंच गया था.
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सूत्रों के हवाले से बताय गया है कि प्रशासनिक सुधार विभाग का ये औचक निरीक्षण अभियान आगे भी अन्य विभागों में जारी रहेगा. इससे पहले प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर एक विशेष औचक निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश दिए थे. ताकि प्रदेश के जिलों में कर्मचारियों और अधिकारियों के दफ्तर आने के समय पर निगरानी रखी जा सके.