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जयपुर को मिला विश्व विरासत का प्रमाण पत्र, अल्बर्ट हॉल पर दिखे राजस्थानी विरासत के रंग

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Published : Feb 5, 2020, 11:55 PM IST

राजधानी के परकोटे को बुधवार को विश्व विरासत का प्रमाण पत्र मिला. अल्बर्ट हॉल पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में यूनेस्को महानिदेशक ऑन्ड्रे अजोले ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को ये प्रमाण पत्र सौंपा. तबीयत खराब होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर ये प्रमाण पत्र पूरे प्रदेश के लोगों को समर्पित किया.

जयपुर को मिला विश्व विरासत का प्रमाण पत्र, Jaipur News
जयपुर को मिला विश्व विरासत का प्रमाण पत्र

जयपुर.राजधानी के परकोटे को बुधवार को विश्व विरासत का प्रमाण पत्र मिला. अल्बर्ट हॉल पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में यूनेस्को महानिदेशक ऑन्ड्रे अजोले ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को ये प्रमाण पत्र सौंपा. साथ ही जयपुर की पूरी दुनिया में अलग पहचान होने की बात कही. वहीं, तबीयत खराब होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर ये प्रमाण पत्र पूरे प्रदेश के लोगों को समर्पित किया.

जयपुर को मिला विश्व विरासत का प्रमाण पत्र

अपनी कला स्थापत्य और संस्कृति के लिए विश्व में खास पहचान रखने वाले गुलाबी नगर जयपुर के सम्मान में एक और सितारा जुड़ गया. बुधवार को यूनेस्को की महानिदेशक ऑन्ड्रे अजोले ने अल्बर्ट हॉल पर आयोजित समारोह में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को जयपुर का वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का प्रमाण पत्र दिया.

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इस दौरान यूनेस्को की महानिदेशक ऑन्ड्रे अजोले ने जयपुर आने की खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि जयपुर के लोगों की ओर से एक सतत भविष्य के निर्माण के लिए सांस्कृतिक विरासत का जो संरक्षण किया गया है, उन प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मान्यता प्रदान की है. ये गर्व का विषय है कि यूनेस्को की ओर से जयपुर परकोटा शहर को विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है.

कार्यक्रम में मौजूद रहे पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जयपुर विश्व के बेस्ट प्लांड शहरों में से एक है. हालांकि 20 साल पहले ही जयपुर को ये खिताब मिल जाना चाहिए था, लेकिन अब जाकर इसे हेरिटेज का दर्जा प्राप्त हुआ है.

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यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गुलाबी नगरी अपनी संपन्न स्थापत्य कला, वैभवशाली भवनों, नगर नियोजन, संस्कृति और वास्तुशिल्प के कारण विश्व विख्यात है. उन्होंने कहा कि शहर को विश्व विरासत सूची में शामिल करवाने के प्रयास 1998 से ही शुरू कर दिए गए थे, जिसका नतीजा रहा कि अजरबैजान के बाकू में आयोजित यूनेस्को के 43वें सम्मेलन में जयपुर को ये दर्जा प्राप्त हुआ. इस दौरान उन्होंने विश्व विरासत को संजोने के लिए हेरिटेज नगर निगम बनाए जाने, और इसे चुनौती की तरह लेते हुए व्यवस्थित करने की बात कही.

वहीं, तबीयत खराब होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर ये प्रमाण पत्र पूरे प्रदेश के लोगों को समर्पित किया. इस दौरान आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक संध्या में जाने-माने कलाकारों ने कालबेलिया, कत्थक, लाल आंगी गेर, चरी, भवाई नृत्य पेश किए. प्रसिद्ध कोरियोग्राफर पद्मश्री बंशी कौल के निर्देशन में हुए इस कार्यक्रम में लंगा मांगणियार की फॉक सिंफनी और भपंग वादन ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

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