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Jaipur Elevated Road Project: बार-बार बदल रही एलिवेटेड रोड की डेडलाइन, अब मंत्री जी खुद करेंगे निरीक्षण - rajasthan hindi news

जयपुर के हवा सड़क पर बनाई जा रही एलिवेटेड रोड (Jaipur Elevated Road Project) का काम दो साल देरी से चल रहा है. 2016 में शुरू किए गए इस परियोजना को 2019 तक पूरा किया जाना था लेकिन आज भी काम का केवल 56 फीसदी ही पूरा हो पाया है.

Jaipur Elevated Road Project
काम का केवल 56 फीसदी ही पूरा

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Published : Mar 26, 2022, 1:05 PM IST

जयपुर. सोडाला और झोटवाड़ा क्षेत्र में लगने वाले ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण एलिवेटेड रोड (Jaipur Elevated Road Project) बना रहा है. लेकिन लगातार बदल रही डेडलाइन शहर वासियों के साथ-साथ अब जनप्रतिनिधियों को भी रास नहीं आ रही. यही वजह है कि अब काम का निरीक्षण करने के लिए वो खुद फील्ड में उतरेंगे.जिस सोडाला एलिवेटेड का काम जून 2019 में पूरा होना था, उसकी आखिरी बार यूडीएच मंत्री और जेडीसी ने फरवरी 2022 डेडलाइन जारी की थी. लेकिन अभी भी लोगों की राह सुगम होने में कुछ और समय लगेगा.

हवा सड़क पर बनाई जा रही इस एलिवेटेड रोड का काम मई-जून तक पूरा होने की बात की जा रही है. हालांकि अभी 22 गोदाम पर जयपुर-दिल्ली और जयपुर-सवाई माधोपुर लाइन को पार करके राम मंदिर तिराहे तक का पैच बचा है. लोड टेस्ट करने के बाद ही इसे आमजन के लिए शुरू किया जाएगा. बाद में इसे अजमेर रोड की एलिवेटेड रोड से जोड़ने की भी प्लानिंग है. अंबेडकर सर्किल से सोडाला तिराहे तक 2.8 किलोमीटर और हवा सड़क चंबल पावर हाउस से अंबेडकर सर्किल से पहले 1.8 किलोमीटर का ये प्रोजेक्ट अगस्त 2016 में शुरू हुआ था, तब इसे पूरा करने की डेडलाइन जून 2019 रखी गई थी. लेकिन ये काम आज तक भी पूरा नहीं हो पाया है.

प्रोजेक्ट की निरीक्षण करेंगे खाचरियावास

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56 फीसदी ही पूरा हो सका है काम:उधर, विद्याधर नगर और झोटवाड़ा को जोड़ने और वाहनों के दबाव को कम करने के लिए बनाई जा रही झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड का काम भी धीमा ही चल रहा है. झोटवाड़ा की ओर से प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 18 हजार 600 वर्ग मीटर जमीन की जरूरत थी, जिसके कारण स्थानीय मकान मालिकों और दुकानदारों को निवारू रोड और करधनी पर भूखंड दिए जा रहे हैं. इसी वजह से काम दो वर्ष देरी से चल रहा है और 2.4 किमी की एलिवेटेड रोड का फिलहाल 56 फीसदी ही काम ही हो पाया है. जून 2018 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को दिसंबर 2020 में पूरा करना था, लेकिन हाल ही में इसकी नई डेडलाइन दिसंबर 2022 निर्धारित की गई है. काम की रफ्तार को देखते हुए 40 फ़ीसदी काम अगले 9 महीनों में पूरा होना नामुमकिन लग रहा है.

खाचरियावास करेंगे निरीक्षण:शहर की राह को आसान बनाने के लिए शुरू किए गए इन दोनों प्रोजेक्ट की गति को लेकर शहर के विधायक जो कैबिनेट में मंत्री भी हैं, उन्हें भी अब चिंता सताने लगी है. यही वजह है कि मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास खुद इन दोनों प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने वाले हैं. तो वहीं मंत्री महेश जोशी ने भी एक से ज्यादा संस्थानों के एक साथ काम करने के दौरान सामंजस्य की कमी होने की बात कही है. वहीं, बीते दिनों जेडीए ने जयपुर के बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी 4 इंजीनियरों को सौंपी थी. ऐसे में सोडाला लिमिटेड और झोटवाड़ा एलिवेटेड अभियांत्रिकी निदेशक तृतीय देवेंद्र गुप्ता के जिम्मे आ गई है, जिस पर फिलहाल कैबिनेट मंत्री महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास दोनों की निगाहें बनी हुई है.

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