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जयपुर संभागीय आयुक्त ने ली समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश - जयपुर संभागीय आयुक्त की बैठक

संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक ली. इस दौरान बैठक में उपस्थित अधिकारियों से जवाब तलब किया और उनके द्वारा कार्य निस्तारण एवं कार्रवाई किए जाने के लिए समय निर्धारित किया.

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जयपुर संभागीय आयुक्त ने ली समीक्षा बैठक

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Published : Mar 11, 2021, 2:18 AM IST

जयपुर. संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा ने कहा है कि आमजन को राजकीय योजनाओं के लाभ समय पर, गुणवत्ता एवं पूर्णता से मिलें इसके लिए पहली शर्त हर सरकारी कर्मचारी की समय पर अपने कार्यालय में उपस्थिति है. उन्होंने बुधवार प्रातः कार्यालय समय में उपस्थित नहीं होने पर जयपुर डीटीओ आरके चैधरी एवं राजीव कुमार विजय, विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण अस्पतालों के बडी संख्या में चिकित्सकों, अन्य कार्मिकों द्वारा बिना पूर्व सूचना व अनुमति के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए जाने पर कार्यालयों के कार्मिकों को चार्जशीट और नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. साथ ही पर्यवेक्षणीय लापरवाही पर सीएमएचओ प्रथम नरोतम शर्मा एवं सीएमएचओ द्वितीय हंसराम भदौरिया, जिला आबकारी अधिकारी सुनिल भाटी एवं बाबुलाल जाट को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

संभागीय आयुक्त डाॅ. शर्मा ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में 3 घण्टे चली समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों से जवाब तलब किया और उनके द्वारा कार्य निस्तारण एवं कार्रवाई किए जाने के लिए समय निर्धारित किया. डाॅ. शर्मा ने सभी सम्बन्धित विभागों को राज्य में लोक सेवाओं की प्रदायगी गारंटी अधिनियम 2011 के अन्तर्गत आने वाली सेवाओं की जानकारी कार्यालय में अंकित करने के लिए पुनः निर्देश दिया.

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समीक्षा के दौरान निर्धारित समयावधि से अधिक के जेडीए के 518 प्रकरण ग्रेटर निगम के 96 प्रकरण हेरिटेज निगम के 3 प्रकरण, जिला कलेक्ट्रेट के 26 प्रकरण एवं विलम्ब से सेवा देने वाले अन्य जिला स्तरीय अधिकारीयों पर नाराजगी प्रकट की. उन्होंने लोकसेवा प्रदायगी गारंटी अधिनियम के अन्तर्गत सेवाओं को देने से विलम्ब करने वाले सम्बन्धित पदाभिहित अधिकारियों एवं कार्मिकों पर जुर्माना लगाने व अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान

संभागीय आयुक्त ने चिकित्सा विभाग एवं पुलिस अधिकारियों को झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए. उन्होंने अभियान चलाकर जिले में एक माह में कम से कम 100 झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई को कहा.

झूठी रिपोर्ट देने पर चार्जशीट देने के निर्देश

मानपुरा माचेड़ी में एक राजकीय चिकित्सक द्वारा नाॅन प्रेक्टिस अलाउंस उठाने के बावजूद मेडिकल स्टोर पर बैठकर निजी प्रेक्टिस करने एवं मेडिकल दुकानों के बाहर स्वयं का विज्ञापन करने के मामले में झूठी तथ्यात्मक रिपोर्ट देने वाले चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को चार्जशीट देने के निर्देश दिए. उल्लेखनीय है कि वहां संभागीय आयुक्त ने विजिट की थी व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को जाॅच के निर्देश दिए थे. उपखण्ड अधिकारी, आमेर से दुबारा जांच कराने पर सही तथ्य प्रकट हुए.

स्टाॅक में होने पर भी दवा न देने की होगी जांच

शाहपुरा में रात को डेढ़ बजे अपने सवा साल के बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंची एक महिला को मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना अंतर्गत स्टाॅक में दवा की उपलब्धता के बावजूद दवाएं नहीं दिए जाने को संभागीय आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर नेहरा को इसकी जांच एवं दोषियों को दो दिन में चार्जशीट देने के निर्देश दिए. नेहरा ने भी इसका समर्थन करते हुए इस मामले को दिखवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही.

प्रसूता को टरकाने पर कार्रवाई

डाॅ. शर्मा ने न्यू मार्केट सांभर में टेम्पो में प्रसव मामले में पहले सांभर फिर फुलेरा और फिर वापस सांभर भेजने के प्रकरण में जिम्मेदारी निर्धारण के निर्देश देते हुए कहा कि सभी हेल्थ वर्कर्स को संस्थागत प्रसव को बढावा देने का प्रयास करना चाहिए और अकारण ही केस को यहां वहां रेफर नहीं करना चाहिए. उपरोक्त प्रकरणों में लापरवाही करने व आज के आकस्मिक निरीक्षणों में चिकित्सक व स्टाफ नहीं मिलने पर पर्यवेक्षणीय लापरवाही पर सीएमएचओ प्रथम नरोतम शर्मा एवं सीएमएचओ द्वितीय हंसराम भदौरिया को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

अवैध बजरी खनन व परिवहन

पुलिस आयुक्त, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, खनिज अभियंता द्वारा संयुक्त कार्रवाई कर अवैध बजरी खनन व परिवहन को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए, अन्यथा दायित्व निर्धारण किया जाएगा.

स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र पर स्वच्छ जल उपलब्ध कराएं

संभागीय आयुक्त ने जनता जल मिशन योजना को मुख्यमंत्री की प्राथमिकता की योजना बताते हुए हर घर जल पहुंचाने के प्रयास किए जाने के निर्देश दिए. शिक्षा विभाग, समेकित बाल विकास एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को मिलकर सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी भवनों में नल द्वारा स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए 15वें वित्त आयोग में राशि उपलब्ध है. शर्मा ने जिला कलक्टर नेहरा व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (कार्यवाहक) इकबाल खान को इसका समन्वय करने के निर्देश दिए.

परिवहन विभाग में एजेण्टों की व्यवस्था समाप्त करें

संभागीय आयुक्त ने जयपुर आरटीओ कार्यालय में 94 कार्मिकों में से 51 कार्मिकों के गायब मिलने पर खासी नाराजगी जताई. उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को अनुपस्थित पाए गए सभी डीटीओ एवं अन्य कार्मिकों को चार्जशीट/नोटिस देने के निर्देश दिए. डाॅ. शर्मा ने आरटीओ कार्यालय के बाहर दलालों के सक्रिय होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आमजन के परिवहन कार्यालय से सम्बन्धित सभी काम सरलता से होने चाहिए, उन्हें एजेण्टों की जरूरत ही न पड़े.

उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में कैमरा लगाने व उसका लिंक 15 दिवस में आयुक्त परिवहन व संभागीय आयुक्त को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने 10,500 लाईसेन्स लंबित होने पर नाराजगी प्रकट की एवं प्राथमिकता से निस्तारण के निर्देश दिए. उन्होंने इसके लिए ग्राहक सेवा केन्द्र प्रारम्भ करने का भी सुझाव दिया. संभागीय आयुक्त ने यह भी चेताया कि साॅफ्टवेयर में सभी आई डी व पासवर्ड गोपनीय रखे जाएं व अगर किसी एजेण्ट या अन्य व्यक्ति के पास आरटीओ कार्यालय का पासवर्ड आईडी मिला तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

अनुपस्थित अधिकारियों एवं कार्मिकों को चार्जशीट जारी करने के निर्देश

संभागीय आयुक्त द्वारा जिला कलेक्टर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी, संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, संयुक्त निदेशक शिक्षा, आयुर्वेद अधिकारी, पशुपालन अधिकारी सहित समस्त अधिकारियों को आज के निरीक्षण में उनके कार्यालय से संबंधित अनुपस्थित पाए गए कार्मिकों को नोटिस/चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए गए. भविष्य में फील्ड में यदि कोई कार्यालय बंद पाया जाता है अथवा कार्मिक अनुपस्थित पाए जाते हैं, तो जिला एवं संभाग स्तरीय अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाकर उनके विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी. उन्होंने भविष्य में संभाग व जिला स्तरीय अधिकारियों की व्हाट्सअप के माध्यम से रोजाना उपस्थिति संभागीय आयुक्त कार्यालय में भेजने के लिए निर्देश दिए.

फील्ड में रहकर करें सफाई व्यवस्था का निरीक्षण

संभागीय आयुक्त ने नगर निगम को डोर टू डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था सुधारने को कहा. उन्होंने निगम अधिकारियों को सुबह 7 बजे फील्ड में कम से कम हफ्ते में दो बार जाकर माॅनिटरिंग के निर्देश दिए. उन्होंने जयपुर एवं विशेषकर परकोटे के अस्थायी अतिक्रमणों को चिन्हित कर पुलिस की मदद से हटाने को कहा. साथ ही अवैध निर्माण पर सील लगाने और हटाने में पूरी पारदर्शिता रखने को कहा. द्रव्यवती नदी पर खराब एसटीपी प्लांट प्रारम्भ होने तक जलशोध के लिए वैकल्पिक तरीका खोजने को कहा. उन्होंने जलमहल की पाल, महल और पानी को साफ रखने की स्थायी व्यवस्था के लिए नगर निगम, जेडीए और पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए.

एनएफएसए का नियम विरुद्ध लाभ लेने वालों से वसूली हो

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं लेने वाले 3 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों से 1 माह में वसूली के लिए डीएसओ प्रथम को निर्देश दिए. साथ ही उनके विभाग में ऐसे कर्मचारियेां के खिलाफ चार्ज शीट प्रस्तावित करने को कहा.

8 बजे बाद व एमआरपी से अधिक कीमत पर मदिरा बिक्री पर नोटिस

संभागीय आयुक्त डाॅ. शर्मा ने दोनों जिला आबकारी अधिकारीयों को जिले की शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों में बेची जा रही मदिरा के निर्धारित से अधिक दामों की वसूली एवं रात 8 बजे बाद भी उनके खुला रहने व नियम विरुद्ध शराब विक्रय के संभागीय आयुक्त की गोपनीय टीम द्वारा करवाई गयी जांच के वीडियो दिखाए. संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा जुटाए गए तथ्यों की जानकारी दी गई. रात 8 बजे बाद दुकान के शटर को ऊंचा कर, पास की दुकान में इसी आधार पर जिला आबकारी अधिकारियों को नोटिस एवं चौमू की आबकारी निरीक्षक को चार्जशीट देने के निर्देश दिए गए.

उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना मिलीभगत के ऐसा होना कठिन है. अतः मुख्यमंत्री व राज्य सरकार के निर्देशों की धरातल पर पालना के निर्देश दिए. साथ ही एक माह में जयपुर जिले की सभी दुकानों की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाए कि उनमें कोई दरवाजा, खिड़की, अन्य दरवाजा आदि न हों. संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा जांच में नियम विरुद्ध पाई गई दुकानों के विरुद्ध नियमानुसार एफआईआर दर्ज कराई जाए व लाईसेन्स निलंबित किया जाए.

जिम्मेदार अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में दो बड़े अधिकारियों की लापरवाही देखने को मिली. बैठक के दौरान संभागीय आयुक्त समित शर्मा और जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा बिना मास्क के ही नजर आए, जबकि कोरोना संक्रमण रोकने की जिम्मेदारी इस दोनों ही बड़े अधिकारियों की है. बैठक में मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग भी नजर नहीं आई. सभी अधिकारी और कर्मचारी आस पास ही बैठे हुए थे, जबकि दोनों ही अधिकारी लोगों को कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रेरित करते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार बयान दे रहे हैं कि कोरोना फिर से बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए कोई भी लापरवाही नहीं बरतें. इसके बावजूद दोनों अधिकारियों की बैठक में लापरवाही देखने को मिली.

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