जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण वर्षों से लंबित और विवादित योजनाओं का हल निकालने में जुटा हुआ है. जेडीए ने ट्रांसपोर्ट नगर योजना, गोपालपुरा बायपास, लोहामंडी, वेस्ट वे हाइट्स, सेंट्रल स्पाइन योजना से जुड़े प्रकरणों को निपटाने के लिए एंपावर्ड कमेटी में भेजने का निर्णय लिया है. इन योजनाओं के निपटाने से जेडीए को बड़ा राजस्व मिलने की भी उम्मीद है.
जयपुर विकास प्राधिकरण वर्षों से लंबित और विवादित योजनाओं का हल निकालने में जुटा हुआ है... जेडीए के लंबित प्रोजेक्ट्स को कोर्ट के बाहर ही निपटारा कर हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. दरअसल, 1989 में वेस्ट वे हाइट्स योजना, 1997 में सेंट्रल स्पाइन, 2002 में लोहा मंडी योजना, 2004 में ट्रांसपोर्ट नगर योजना और मास्टर प्लान के अनुसार गोपालपुरा बायपास रिडवलप करने की योजना प्रस्तावित है. लेकिन, इन प्रोजेक्ट को अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. इन सभी प्रोजेक्ट को नगरीय विकास मंत्री के निर्देश पर जेडीए प्रशासन पूरा करने की तैयारियों में जुटा हुआ है.
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इस संबंध में प्रभावित लोगों से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं. जल्द एंपावर्ड कमेटी की बैठक में इनका निपटारा करने का प्रयास किया जाएगा. इस संबंध में जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि काफी ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो कोर्ट की अवमानना, जेडीए और काश्तकारों के बीच विवाद के कारण या दूसरे किसी विवाद के कारण सालों से धरातल पर नहीं उतर पाए. ऐसे प्रोजेक्ट को चिन्हित किया गया है. ऐसे मामलों पर कमेटी बनाकर जांच करवाई जा रही है. इनकी रिपोर्ट बनाकर नीतिगत निर्णय लेने के लिए एंपावर्ड कमेटी में भेजा जाएगा. जहां यूडीएच मंत्री के स्तर पर समाधान निकालने के प्रयास किए जाएगा.
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इसके लिए प्रथम चरण में पांच प्रोजेक्ट हैं. सेंट्रल स्पाइन, वेस्ट वे हाइट्स, लोहा मंडी, ट्रांसपोर्ट नगर और गोपालपुरा बायपास कमर्शियल प्रोजेक्ट एंपावर्ड कमेटी को प्रपोज्ड किए गए हैं. उधर, विपक्ष ने जेडीए की वर्किंग पर सवाल उठाते हुए वर्तमान में चल रहे द्रव्यवती नदी पुनर्वास परियोजना, सोडाला एलिवेटेड, झोटवाड़ा एलिवेटेड जैसे प्रोजेक्ट में देरी होने की वजह से लागत बढ़ने और पैसे की बर्बादी का आरोप भी लगाया है. जिसका जवाब इन प्रोजेक्ट को गति देने के साथ-साथ पुराने प्रोजेक्ट्स का निपटारा कर देने की तैयारी की जा रही है.