जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-9 महानगर प्रथम ने दहेज प्रताड़ना के 20 साल पुराने मामले में अभियुक्त तत्कालीन पुलिस उप निरीक्षक अशोक सांवरिया, ससुर घासीराम और ननद रामपति, मंजू, बदाम, मीरा और कृष्णा को 3-3 साल की सजा सुनाई है.
अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर दो-दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि पीड़िता ने लंबे समय तक पीड़ा भोगी है. इसलिए अभियुक्त उसे पचास हजार रुपए प्रतिकर राशि के रूप में अदा करें.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण बीस साल से लंबित है, लेकिन अभियुक्तों की ओर से आज तक राजीनामे का प्रयास नहीं किया. प्रकरण दहेज के लिए क्रूरता का है. ऐसे में सिर्फ महिला होने के कारण अभियुक्त महिलाओं को राहत नहीं दी जा सकती. यदि ऐसा किया गया तो दहेज के मुकदमों की संख्या बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता.