जयपुर. 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे है. कोरोना काल में डॉक्टरों ने सेवा और समर्पण की मिसाल पेश की है. ऐसे ही जयपुर सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा और उनकी टीम बीते 1 साल से कोरोना से जंग लड़ रही है और आज भी यह जंग जारी है. इसके साथ ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम से जुड़ी बड़ी जिम्मेदारी भी डॉक्टर नरोत्तम शर्मा और इनके डॉक्टरों पर है. बीते 6 महीने में इनकी टीम ने वैक्सीनेशन से जुड़ी जिम्मेदारी भी संभाली है.
मार्च 2020 में जब जयपुर में कोविड-19 संक्रमण (Corona case in Jaipur) का पहला मामला आया तो प्रदेश भर में खलबली मच गई थी. इसके बाद लगातार संक्रमण के मामले बढ़ते रहे. खासकर कोविड-19 संक्रमण की पहली लहर में रामगंज क्षेत्र से सबसे अधिक संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे. इसको लेकर डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि रामगंज क्षेत्र में सैंपल लेने से लेकर लोगों को क्वॉरेंटाइन करने तक का जिम्मा उनके पास था. ऐसे में उनकी टीम ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. रामगंज क्षेत्र में संक्रमण के मामलों पर लगाम लगाई. इसके साथ ही रामगंज मॉडल (Ramganj Model) उस दौरान काफी सुर्खियों में भी रहा था.
दूसरी लहर चुनौतीपूर्ण
सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि मार्च 2021 के बाद जब कोरोना की दूसरी लहर (2nd wave of Corona) के दौरान संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे. उनकी टीम के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि दूसरी लहर में तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे. जयपुर में हर दिन तकरीबन 4 से 5 हजार संक्रमण के मामले हर दिन सामने आ रहे थे. ऐसे में उनकी टीम ने जयपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में सैम्पलिंग का दायरा बढ़ाया. इस दौरान वैक्सीनेशन से जुड़ा कार्यक्रम भी (vaccination in Jaipur) चलता रहा. दूसरी लहर में ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी सबसे अधिक सामने आ रही थी. ऐसे में अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था करना और मरीजों तक दवाई पहुंचाना भी एक चुनौतीपूर्ण काम था.