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जयपुर बम ब्लास्ट की बरसी आज: 14 साल बाद भी गुनहगारों को नहीं मिल पाई सजा, आज जिंदा बम मामले में होगी सुनवाई

13 मई 2008 को गुलाबी नगरी की सड़कें लाल हो गई थीं. सीरियल बम धमाके (2008 Jaipur serial bomb blast) से गूंज उठा था जयपुर. 14 साल कम नहीं होते लेकिन ज्यादा भी नहीं. उनके लिए जिन्होंने किसी अपने को खोया हो. अब भी वो जख्म ताजा है रिस रहा है. बेचैनी तब और बढ़ जाती है जब गुनहगारों को तारीख पर तारीख मिलते देखते हैं. आज जिंदा बम मामले में दो गवाहों के बयान दर्ज (Jaipur Alive Bomb Case Hearing) होंगे.

jaipur Bomb Blast Anniversary on 13 may
जयपुर बम ब्लास्ट की बरसी आज

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Published : May 13, 2022, 9:54 AM IST

Updated : May 13, 2022, 11:01 AM IST

जयपुर. 14 साल पहले आतंकवादियों ने जयपुर के दिल कहे जाने वाले परकोटा को आज ही के दिन सिलसिलेवार बम धमाके (2008 Jaipur serial bomb blast) छलनी-छलनी कर दिया था. धमाके के चश्मदीद इसके बाद के मंजर को याद करके आज भी सिहर जाते हैं. 8 बम धमाकों में कई घरों को उजाड़ दिया. इन धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी और 186 घायल हुए थे. बम धमाकों के आरोपियों को पकड़ा जा चुका है. लेकिन जिन्होंने अपनों को खोया वो आज भी संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि उनके अपनों के कातिल आज भी जिंदा हैं. ऐसे में जयपुरवासी आज तक इंसाफ मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

13 मई, ये वो तारीख है, जिसे जयपुर के लोग भुलाए नहीं भूल पाते.इस दिन के साथ जयपुर (jaipur bomb blast) की कुछ ऐसी कड़वी यादें जुड़ी हैं, जिन्हें याद कर आज भी हर कोई सहम उठता है. साल 2008 में आज ही के दिन राजस्थान के जयपुर में सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे. जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट ने जयपुर वासियों को ऐसे जख्म दिए, जो हर साल 13 मई को हरे हो जाते हैं. जिसका एक बड़ा कारण है कि इन बम धमाकों के आरोपियों की 20 दिसंबर 2019 को सजा तो मुकर्रर कर दी गई, लेकिन आज भी इनका गला फांसी के फंदे से दूर है.

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विशेष कोर्ट ने चार अभियुक्त मोहम्मद सैफ उर्फ करीऑन, सरवर आजमी, सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. जबकि एक अन्य आरोपी शाहबाज हुसैन को बम ब्लास्ट के आठों केसों में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया था. जिन 4 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई अब तक वो अमल में नहीं आ पाई है. इन अभियुक्तों की लीव टू अपील और राज्य सरकार के डेथ रेफरेंस पर पिछले दो साल से कोर्ट में सुनवाई लंबित चल रही है. कोरोना-काल में कोर्ट में इस केस की सुनवाई नहीं हो पाई. यही नहीं 3 नामजद आतंकी मिर्जा शादाब बेग, साजिद बट और मोहम्मद खालिद तो 14 साल बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.

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आपको बता दें कि 13 मई 2008 को शाम 7 बजकर बीस मिनट से शुरू हुए सिलसिलेवार आठ बम धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी और 186 लोग घायल हुए थे. जबकि चांदपोल बाजार में एक बम को धमाके से पहले बरामद कर डिफ्यूज किया गया था. कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज रामचन्द्र मंदिर के सामने मिले जिंदा बम (Jaipur Alive Bomb Case Hearing) के सरकार बनाम सैफुर्रहमान मामले में सुनवाई जारी है. सेशन कोर्ट में शुक्रवार को दो गवाहों के बयान दर्ज होंगे. इस मामले में अभियोजन के 114 गवाह हैं, कोरोना के चलते इनमें से अधिकतर की गवाही नहीं हो पाई है. मामले में केवल 15 गवाहों के बयान ही दर्ज हो पाए हैं.

अभियोजन पक्ष की गलती से फांसी में देरी...

कानून के जानकारों का कहना है कि मामले में अभियोजन पक्ष ने शुरू से ही तकनीकी गलती की. जिसके चलते अभियुक्तों को अभी तक फांसी नहीं हो पाई है. एक ही दिन एक समान घटना होने के बाद भी पुलिस ने आठ ब्लास्ट के मामले में आठ अलग-अलग मामले दर्ज किए. वहीं, अदालत में अलग-अलग आठ आरोप पत्र पेश किए. जिसके चलते अदालत ने भी आठों मामलों में अलग-अलग सुनवाई कर अपने फैसले दिए. जिसके चलते राज्य सरकार को भी आठ डेथ रेफरेंस पेश करने पड़े. दूसरी ओर अभियुक्त पक्ष की ओर से अपील करने पर कुल 32 अपील दायर होगी. ऐसे में हाईकोर्ट में सुनवाई में देरी होना लाजिमी है.

फैसले के बाद जिंदा बम को लेकर फिर पेश किया आरोप पत्र...

विशेष न्यायालय की ओर से फैसला सुनाने के करीब आठ माह बाद अभियोजन पक्ष ने चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर जिंदा मिले. बम को लेकर शाहबाज हुसैन सहित बाकि चारों अभियुक्तों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र पेश कर दिया. आरोप पत्र में मूल मामले के तथ्यों को दोहराते हुए समान धाराएं रखी गई हैं. इस मामले में अदालत में चार्ज बहस चल रही है. वहीं, हाईकोर्ट आरोपी शाहबाज हुसैन को गत 25 फरवरी को जमानत पर रिहा कर चुकी है.

ये हैं आरोपी...

  • पहला आरोपी शाहबाज हुसैन उर्फ शानू, निवासी मौलवीगंज, उत्तरप्रदेश. जयपुर में 13 मई 2008 को हुए बम ब्लास्ट के बाद सबसे पहले 8 सितंबर 2008 को शाहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया गया.
  • दूसरा आरोपी मोहम्मद सैफ, निवासी सरायमीर, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश है. इसे 23 दिसंबर 2008 को गिरफ्तार किया गया.
  • तीसरा आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, निवासी चांदपट्टी, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश है. इसे 29 जनवरी 2009 को गिरफ्तार किया गया.
  • चौथा आरोपी सैफ उर्फ सैफुर्रहमान, निवासी आजमगढ़ उत्तर प्रदेश है. इसको 23 अप्रैल 2009 को गिरफ्तार किया गया.
  • पांचवा आरोपी सलमान, निवासी निजामाबाद, उत्तर प्रदेश है. इसे 3 दिसंबर 2010 को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा कई अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं.
    इसके अलावा कई अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं.

    16 मिनट के अंतराल में इन जगहों पर हुए बम धमाके...
  • पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक के पास शाम 7:20 बजे पर हुआ. इसमें एक महिला की मौत हो गई. जबकि 18 लोग घायल हुए थे.
  • दूसरा बम ब्लास्ट त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के समीप मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 पर हुआ था. ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई, जबकि 27 लोग घायल हुए थे.
  • तीसरा ब्लास्ट करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें दो पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे.
  • चौथा बम ब्लास्ट दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ. जिसमें 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 4 लोग घायल हुए थे.
  • पांचवा बम ब्लास्ट चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे अधिक 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए थे.
  • छठा बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में नेशनल हैंडलूम के सामने करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हुई, जबकि 19 घायल हुए थे.
  • सातवां बम ब्लास्ट 7:32 पर छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में ज्वेलरी शॉप के सामने हुआ था. इसमें दो जनों की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए थे.
  • आठवां बम बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर 7:32 पर हुआ था. इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए थे. वहीं चांदपोल बाजार स्थित दुकान नंबर 17 के सामने रात 9:00 बजे का टाइमर सेट हुए एक जिंदा बम को बम निरोधक दस्ते ने जप्त कर डिफ्यूज कर दिया था.
Last Updated : May 13, 2022, 11:01 AM IST

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