जयपुर.जिला प्रशासन की 22 टीमों ने शनिवार को जयपुर शहर के अलग-अलग इलाकों में चाइनीज मांझा और खतरनाक धातु, लोहा चूर्ण से बने मांझे की दुकानों पर जाकर जांच की. खुद प्रशासनिक अधिकारी बोगस ग्राहक बनकर पतंग की दुकानों पर पहुंचे. इन टीमों को जयपुर शहर में एक भी दुकान पर चाइनीज मांझा नहीं मिला. अधिकारियों ने जयपुर शहर की 100 से भी अधिक पतंग की दुकानों को खंगाला.
बोगस ग्राहक बनकर पतंग की दुकानों पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि शनिवार को 3 से 6 बजे तक सघन जांच के परिणाम आशा के अनुरूप रहे. शहर में किसी भी दुकान पर चाइनीज मांझे की बिक्री और स्टॉक नहीं मिला. उन्होंने बताया कि यह परिणाम शहर में पिछले 1 महीने से चाइनीज मांझे की रोकथाम के लिए किए जा रहे जिला प्रशासन के प्रयासों के अनुरूप ही था. जयपुर पतंग विक्रेता संघ ने भी चाइनीज मांझा के व्यापार पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. विद्यालय में शिक्षा विभाग भी विद्यार्थियों से समझाइश कर रहा है.
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जिला कलेक्टर ने बताया कि मकर सक्रांति के अवसर पर चाइनीज और धातु, लोहे या ग्लास पाउडर से बने मांझे की रोकथाम के लिए शनिवार को सघन अभियान में अतिरिक्त जिला कलेक्टर तृतीय राजेंद्र कविया, अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ अशोक कुमार, अतिरिक्त जिला कलेक्टर पूर्व राजीव पांडे, अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तर बीरबल सिंह, अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी सहित उपखंड अधिकारी भी शामिल थे.
इन 22 टीमों को शनिवार को चाइनीज मांझे के संभावित बिक्री स्थलों और दुकानों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे. सभी अधिकारियों ने अपने आवंटित क्षेत्र में पतंग की दुकानों पर अपनी पहचान को गुप्त रखकर बोगस ग्राहक बनकर चाइनीज मांझे की जांच की.
सभी अधिकारियों को न्यूनतम पांच बिक्री स्थलों का औचक निरीक्षण करने को कहा गया था. कई अधिकारियों ने निर्धारित से दोगुने स्थल का भी निरीक्षण किया. जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले के अन्य उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को भी अपने क्षेत्र में औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.