जयपुर.अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम 3 महानगर प्रथम ने दस साल पहले चाकसू में बच्चों सहित चार लोगों (Accused of Murder and loot released after ten years) की हत्या कर जेवरात ले जाने के आरोप से तीन आरोपियों रामस्वरूप, श्योराज और जोधाराम को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है. अदालत ने माना की तीनों आरोपियों का मौके पर घटना से पहले और बाद में देखे जाने का भी कोई साक्ष्य नहीं है. इसके अलावा श्योराम और जोधाराम की बरामदगी अभी नहीं हुई है.
घटना स्थल से न तो फिंगर प्रिंट लिए गए और न ही फुट प्रिंट पाए गए हैं. अदालत ने कहा कि सभी गवाहों ने अगले दिन मृतकों की लाश देखी थी, लेकिन हत्या किसने और कैसे की यह किसी ने नहीं बताया है. मामले के अनुसार 16 अप्रैल 2012 को प्रभात ने चाकसू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि बीती रात उसकी सास श्रृंगारी देवी, पन्द्रह वर्षीय लड़का रामजीलाल, दस वर्षीय लड़की केशंता और आठ वर्षीय कविता घर में सो रहे थे. देर रात अज्ञात बदमाशों ने आकर श्रृंगारी देवी के पैरों में पहने हुए चांदी के कड़े निकाल लिए और बक्से से चांदी के अन्य जेवर और नकदी निकाल कर ले गए.