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जगतपुरा और खातीपुरा को बनाया जा रहा उपनगरीय सेटेलाइट रेलवे स्टेशन, 100 से अधिक मजदूर कर रहे कार्य - जगतपुरा और खातीपुरा रेलवे स्टेशन बनेंगे उपनगरीय सेटेलाइट

जयपुर में जगतपुरा और खातीपुरा रेलवे स्टेशन को उपनगरीय सेटेलाइट रेलवे स्टेशन बनाने के लिए निर्माण कार्य जोरों पर है. यहां रोजाना 100 से अधिक मजदूर निर्माण कार्य को पूरा कर रहे हैं. प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 187.39 करोड़ रुपए है.

जगतपुरा और खातीपुरा रेलवे स्टेशन बनेंगे उपनगरीय सेटेलाइट, Jagatpura and Khatipura railway stations to become suburban satellites
जगतपुरा और खातीपुरा रेलवे स्टेशन बनेंगे उपनगरीय सेटेलाइट

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Published : Feb 7, 2021, 7:19 PM IST

जयपुर. जंक्शन की तर्ज पर जगतपुरा और खातीपुरा रेलवे स्टेशन को उपनगरीय सेटेलाइट रेलवे स्टेशन बनाने के लिए निर्माण कार्य जोरों पर है. यहां रोजाना 100 से अधिक मजदूर निर्माण कार्य को पूरा कर रहे हैं. प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 187.39 करोड़ रुपए है.

जगतपुरा और खातीपुरा रेलवे स्टेशन बनेंगे उपनगरीय सेटेलाइट

सेटेलाइट स्टेशन बनने से यहां से पुरानी दिल्ली की सराय रोहिल्ला स्टेशन की तरह जयपुर-दिल्ली सहित अन्य ट्रेनों का संचालन हो सकेगा. इससे जयपुर जंक्शन में भगदड़ की स्थिति खत्म हो जाएगी. खासबात है कि पूरे परिसर को हैरिटेज लुक दिया जाएगा. 700 मीटर लंबा यह स्टेशन कई मायनों में खास होगा.

रेलवे अधिकारियों के मानें तो वर्ष 2021 में दिवाली के बाद नवंबर-दिसंबर तक यह कार्य पूर्ण हो जाएगा. जयपुर जंक्शन पर दिनोंदिन बढ़ते यात्रीभार और ट्रेनों के संचालन की वजह से यह स्टेशन तैयार किया जा रहा है. ताकि लंबे रूटों की ट्रेनों का संचालन यहां से हो सके. यात्रियों की सुविधा को देखते हुए हेरिटेज रंग में स्टेशन तैयार किया जा रहा.

उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ सुनील बेनीवाल ने बताया कि हाल ही प्लेटफॉर्म नंबर एक के पीछे स्टेशन की जी प्लस वन भव्य इमारत का बिल्डिंग का काम 40 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है. सेटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित होने से आमजन को काफी राहत मिलेगी. इसके अलावा यहां निर्माण कार्य के बाद वाई- फाई युक्त कुल छह मल्टी प्लेटफॉर्म यहां होंगे, जिनकी लंबाई लगभग 620 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर के आसपास होगी. वहीं 6 मीटर चौड़ा एस्केलेटर फुट ओवरब्रिज और दिव्यांगों के लिए अलग से आने जाने के रैंप, शेड और हर 100 मीटर पर बैठने की सुविधा सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं को विकसित किया जाएगा.

इसमें टिकट घर, कैंटीन, आरक्षण कार्यालय, पार्किंग समेत कई मूलभूत सुविधाएं विकसित होगी. जयपुर जंक्शन की बात की जाए तो यहां वर्तमान समय में 7 प्लेटफॉर्म है. रेलवे अधिकारियों की मानें तो गांधीनगर, दुर्गापुरा से कई गुना बढ़कर यह स्टेशन कई मायनों में खास होगा. शुरू होने के बाद यह रेलवे और आमजन दोनों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा.

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रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जयपुर जंक्शन से कोरोना काल से पहले रोजाना 150 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता था. कई ट्रेनों को यहां शिफ्ट किया जाएगा. वर्तमान समय में स्टेशन के आसपास की जगहों पर पटरी बिछाने के लिए सफाई का कार्य पूर्ण हो चुका है. जल्द यहां कॉलम लगाए जाएंगे. कई चरणों में यह कार्य पूरा किया जाना है. आसपास की जगहों पर भूमि की लागत, निर्माण कार्य सहित अन्य सभी खर्चे इसमें शामिल हैं.

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