राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

ईटीवी भारत की मुहिम 'बिन पानी सब सून' का असर, सदन में उठेगा पेयजल संकट के चलते गांवों से पलायन का मुद्दा

प्रदेश में ईटीवी भारत की ओर से चलाई जा रही मुहिम 'बिन पानी सब सून' की गूंज विधानसभा में भी उठने वाली है. खासतौर पर करौली के उन गांवों के परिवारों की आवाज सदन में उठेगी. जो पेयजल संकट के चलते पलायन कर गए. विधानसभा सत्र को लेकर भाजपा ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. हालांकि सरकार ने भाजपा से प्रतिपक्ष की सकारात्मक भूमिका सदन में निभाने की अपील की है.

ईटीवी भारत की मुहिम "बिन पानी सब सून" का असर

By

Published : Jun 26, 2019, 5:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के गुरुवार से शुरू होने वाले बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने पूरी रणनीति बना ली है. ना केवल विपक्षी दल बल्कि सरकार को बाहर से समर्थन दे रही बहुजन समाज पार्टी के विधायक भी सदन के भीतर सरकार को घेरने का काम करेंगे. बसपा विधायक दल के नेता लाखन सिंह ने कहा कि जनता से जुड़े जिन मामलों में सरकार कोताही बरत रही है. उन सभी मामलों को सदन में उठाया जाएगा. खासतौर पर पेयजल संकट से जुड़ा मामले. करौली विधायक लाखन सिंह ने कहा कि उनके जिले में पेयजल संकट के चलते कई गांवों के लोग पलायन कर चुके हैं. इसको भी सरकार को अवगत कराया जाएगा. आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने "बिन पानी सब सून" मुहिम के दौरान करौली के गांवों में रहने वाले लोगों की व्यथा उजागर की थी.

सदन में उठेगा पेयजल संकट के चलते गांवों से पलायन का मुद्दा

विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी तो भाजपा ने कई दिन पहले ही कर ली है और इसके लिए भाजपा विधायकों को अलग-अलग टास्क भी दिए हैं. भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार भाजपा प्रतिदिन एक ज्वलंत मुद्दे पर सदन के भीतर सरकार को घेरेगी. खास तौर पर प्रदेश में बढ़ते अपराध, किसान कर्ज माफी और बेरोजगारी भत्ते का मामला प्रमुख होगा.

सत्तारुढ़ दल ने भी विपक्ष के हर हमले से निपटने की तैयारी कर ली है. सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी के अनुसार कांग्रेस और गहलोत सरकार भाजपा की गीदड़ भभकी उसे डरने वाली नहीं है. जोशी ने कहा कि गहलोत सरकार लगातार जनता के हितों के लिए काम कर रही है. जो आगे भी जारी रहेंगे. जोशी ने भाजपा विधायकों से सदन के भीतर प्रतिपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभाने की अपील भी की.

राजस्थान में लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा है और इसी पंचायत में अब जनता के चुने जनप्रतिनिधि यानी विधायक जनता की आवाज उठाएंगे. ऐसे में संभावना है कि विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष के विधायक सदन के भीतर सरकार की परेशानी बढ़ा सकते हैं. जिससे निपटने की जिम्मेदारी सरकार के मंत्रियों की होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details