जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज प्रदेश में वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को लेकर उठे सवाल के जवाब में मंत्री सुखराम विश्नोई घिरते हुए नजर आए. हालांकि, मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सदन में इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में लगातार शिकार के मामलों में कमी आ रही है. सवाल के जवाब में मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ परियोजना में पिछले 2 साल में शिकार की घटनाओं में वृद्धि नहीं हुई है.
सदन में उठा वन्यजीवों के शिकार का मुद्दा... इस पर सतीश पूनिया ने पूछा कि प्रदेश के जंगलों में रामराज्य की स्थापना हो गई यह तो बढ़िया बात है, लेकिन शिकार की घटनाएं लगातार हुई हैं. दिसंबर तक उदयपुर के सलूंबर में प्रतापगढ़ में भरतपुर में सरिस्का में फंदे में टाइगर st-11 में मौत भी हो गई थी, पद पूरे नहीं हैं, ऐसे में भर्तियों की कमी के चलते बॉर्डर होमगार्ड और होमगार्ड से यह पूर्ति की जा रही है, लेकिन इनको क्या आधुनिक संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि शिकार में कमी आए और क्या कोर्ट ने कोई आदेश भी जारी किए हैं. इस पर मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि रणथंबोर बाघ परियोजना में कुल 343 कर्मचारियों के विरोध में 371 कर्मचारी कार्यरत हैं तो वहीं सरिस्का में 281 पोस्ट में से 386 कर्मी लगे हुए हैं. मतलब साफ है कि ज्यादा कर्मचारियों को लगाया गया है. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रश्न के अनुसार जवाब नहीं आया. प्रश्न में पूछा गया था कि जनवरी 2019 से जनवरी 2021 में कहां और कब-कब शिकार के मामले सामने आए तभी तो पता लगेगा कि शिकार में वृद्धि हुई या नहीं.
पढ़ें :CM गहलोत ने प्रतीकात्मक दांडी मार्च को दिखाई हरी झंडी, सुनिये क्या कहा
इस पर मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि कम से कम आप अपने अध्यक्ष को तो पूरा बोलने देते, तो वहीं मंत्री ने शिकार के मामलों पर जवाब देते हुए कहा कि 17-18 में 55 शिकार हुए. 18-19 में 48 घटना और 19-20 में 41 शिकार हुए हैं. इसका मतलब शिकार में कमी हुई है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि 1 प्रश्न का जवाब तो आ गया, लेकिन दूसरे भाग का जवाब जनवरी 2019 से 2021 तक कहां-कहां कब-कब घटना हुई, उसका जवाब उत्तर के साथ नहीं जुड़ा हुआ है. ऐसे में आधे पार्ट का उत्तर नहीं दिया गया है. इस पर मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि जनवरी 19 से 21 में कुल 41 शिकार की घटनाएं हुई हैं. इस पर सतीश पूनिया ने पूछा कि शिकार रोकने के लिए डिवेलप किए गए इस सिस्टम पर कितनी राशि व्यय की गई और कहां यह सिस्टम लगाया गया है और इससे कितने किलोमीटर तक निगरानी की जा सकती है. क्या पूरे किसी एक जंगल को भी कवर किया गया है.
सतीश पूनिया के सवाल पर जवाब में मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि रणथंबोर में और सरिस्का में हाई लेवल इंटर एजेंसी कोआर्डिनेशन कमेटी द्वारा हाई लेवल ऑटोमेटिक कैमरे लगाए गए हैं. उनका कंट्रोल रूम से कंट्रोल है दोनों अभयारण्य में कैमरे लगे हुए हैं. इस पर सतीश पूनिया ने कहा कि इसका प्रॉपर सवाल जवाब नहीं आया. इस पर सही से चर्चा हो, लेकिन प्रश्न यह है कई जगह न दीवारें हैं ना चेन लिंक फेंसिंग है और असामाजिक तत्व अनेक बार उस में प्रवेश कर जाते हैं. इसके प्रभावी रोकथाम के लिए सरकार क्या कर रही है. इस पर मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि जहां जहां आबादी बसी हुई है वहां दीवार और फेंसिंग की हुई है. अगर आपको कोई ऐसी जगह की जानकारी है तो हमें दे दे.