जयपुर. पर्यावरण और संस्कृति संरक्षण से जुड़े मुद्दे उठाते रहे सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने अब मिट्टी बचाओ मुहिम शुरू (Soil Save Campaign) की है. सेव सॉयल मुहिम के तहत सद्गुरु 100 दिन की मोटर बाइक यात्रा पर निकले हैं. 21 मार्च को लंदन से ये यात्रा शुरू हुई थी और शुक्रवार को 75वें दिन राजधानी जयपुर पहुंची. इस अवसर पर सीतापुरा स्थित जेईसीसी परिसर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
Soil Save Campaign : जीवन और भविष्य बचाने के लिए मिट्टी को बचाना बेहद जरूरी- सद्गुरु जग्गी - Rajasthan hindi news
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव मिट्टी बचाओं मुहिम शुरू की (Soil Save Campaign) है. सेव सॉयल मुहिम के तहत सद्गुरु 100 दिन की मोटर बाइक यात्रा पर निकले हैं. लंदन से ये यात्रा शुरू हुई थी और शुक्रवार को 75वें दिन राजधानी जयपुर पहुंची.
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सद्गुरु जग्गी वासुदेव के साथ ही कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, पंचायत राज और ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चंद मीणा और हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर पवन अरोड़ा कार्यक्रम में मौजूद रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन ऐन वक्त पर अपरिहार्य कारणों के चलते कार्यक्रम टाल दिया गया. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने करीब ढाई महीने पहले मिट्टी बचाओ अभियान की शुरुआत की थी. उनके इस अभियान को कई बड़ी हस्तियों का समर्थन भी मिला. अपने इस अभियान के तहत शुक्रवार को सद्गुरु जग्गी ने जयपुर में शहरवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि मिट्टी बचाने के लिए वैश्विक मुहिम की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि देश के सकल घरेलू उत्पाद में खेती का 1/6वां योगदान है.
भारत की जनसंख्या में लगभग 70 फीसदी लोगों की आजीविका इस पर निर्भर है. बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए अनाज उत्पादन को बढ़ाना जरूरी है. जिसके लिए कुछ राज्यों ने अंधाधुन रसायनिक खाद कीटनाशकों और खरपतवार नाशी रसायनों का उपयोग किया. इससे उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन मृदा का स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया. यही वजह है कि भारत के कुछ हिस्सों की मिट्टी तो अब खेती लायक भी नहीं बची है. ये हाल तमाम विकसित देशों का हो गया है. जहां आधुनिकता की तूती बोलती है. क्योंकि मृदा स्वास्थ्य की समस्या वैश्विक है, यही वजह है कि इस अभियान को वैश्विक बनाया गया है. उन्होंने शहर वासियों का आह्वान करते हुए कहा कि जीवन और भविष्य बचाने के लिए मिट्टी को बचाना बेहद जरूरी है. अगर आप अपने बच्चों से प्रेम करते हैं तो उन्हें मिट्टी बचाने के प्रति जागरूक करें. कार्यक्रम में बेटी बचाओ का संदेश देती आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई. इस दौरान बैंड ने सेव सॉयल की धुन बजाई और लोगों को मिट्टी को बचाने का संकल्प भी दिलाया गया. आपको बता दें कि यात्रा 100 दिन में 30 हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी और 24 देशों से होकर गुजरेगी.