जयपुर. प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गहलोत सरकार की ओर से आगामी अक्टूबर माह में इन्वेस्ट राजस्थान समिट का आयोजन (Invest Rajasthan Summit) किया जा रहा है. जहां दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में 10 लाख करोड़ से अधिक का निवेश होगा और प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को सरकार की ओर से रियायत भी दी जाएगी. जयपुर में इन्वेस्ट राजस्थान समिट 7 और 8 अक्टूबर को आयोजित होगा.
समिट के आयोजन को लेकर उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022 से पूर्व 10.44 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ, राजस्थान औद्योगीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की ओर अग्रसर है. भूमि, संसाधनों, बुनियादी ढांचे और राज्य सरकार की नीतियों के फलस्वरूप राज्य में विभिन्न उद्योगों से निवेश प्रस्ताव आए हैं. इन्वेस्ट राजस्थान समिट की थीम ‘कमिटेड एवं डिलीवर्ड‘ रखी गई है.
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3 हजार प्रतिनिधि लेंगे भाग: उद्योग भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में रावत ने कहा कि (Theme of Invest Rajasthan Summit 2022) इन्वेस्ट राजस्थान समिट आगामी 7 और 8 अक्टूबर 2022 को जयपुर में आयोजित किया जाएगा. इस समिट में विभिन्न सेक्टर और उद्योगों से लगभग 3 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे. पर्यटन, एनआरआर, एमएसएमई, एग्री बिजनेस, स्टार्ट-अप्स एवं फ्यूचर रेडी सेक्टर पर काॅन्क्लेव में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि नए निवेश के साथ-साथ राज्य में रोजगार के अवसरों को सृजित करना इस समिट का प्रमुख उद्देश्य है.
रावत के कहा कि परेशानी मुक्त स्वीकृति प्रदान करने के लिए, सरकार ने हाल (Shakuntala Rawat on Invest Rajasthan Summit) ही में अवाड्डा पावर, ओ2 पावर एसजी पीटीई लिमिटेड, असाही इंडिया ग्लास लिमिटेड, ओकाया एनर्जी स्टोरेज, सेंट गोबेन ग्लास इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वरुण बेवरेजेज, डायमेंशन प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, विप्रो हाइड्रोलिक्स प्राइवेट लिमिटेड, आदि कम्पनियों के निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति दी है.
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इन क्षेत्रों में हुए सबसे अधिक एमओयू:रावत ने बताया कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट के तहत आयोजित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इन्वेस्टर्स मीट के दौरान 4,192 एमओयू और एलओआई प्राप्त हुए हैं. जिन एमओयू/एलओआई पर हस्ताक्षर किए गए उनमें से अधिकांश खनन एवं खनिज, कृषि एवं कृषि-प्रसंस्करण, पर्यटन, कपड़ा, इंजीनियरिंग, रसायन एवं पेट्रोकेमिकल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, लाॅजिस्टिक्स, ऊर्जा एवं हस्तशिल्प सेक्टर से हैं. 4,192 एमओयू/एलओआई में से 40 फीसदी पहले ही लागू हो चुके हैं और क्रियान्वयन के अग्रिम चरण में हैं. राज्य सरकार को उम्मीद है कि समिट से पूर्व अधिकांश एमओयू एवं एलओआई लागू हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि रीको ने 390 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया है और 120 इंडस्ट्रियल एरिया पाइपलाइन में हैं.