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International womens day: गांधी नगर रेलवे स्टेशन महिला सशक्तिकरण का उदाहरण...स्टेशन अधीक्षक से लेकर सफाईकर्मी तक हर मोर्चे पर महिलाएं लिख रही नई ईबारत

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Published : Mar 8, 2022, 7:06 PM IST

Updated : Mar 9, 2022, 9:25 AM IST

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International womens day) के मौके पर महिलाओं की प्रतिभा और जुनून से जुड़ी कई कहानियां प्रेरित करने वाली हैं. कठिन चुनौतियों के बीच हिम्मत को ढाल बनाकर आगे बढ़ने वाली महिलाओं की इन्ही कहानियों में जयपुर का गांधीनगर रेलवे स्टेशन भी शामिल है. ये रेलवे स्टेशन पूरी तरह से महिलाओं को ही समर्पित हैं, यहां छोटे से लेकर बड़े पद पर महिलाएं अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं.

Gandhi Nagar railway station dedicated to women
जयपुर के गांधी नगर रेलवे स्टेशन

जयपुर.देश की तरक्की में महिलाएं अहम भागीदारी निभा रही हैं. हर क्षेत्र में महिलाएं अपने हुनर और लगन के बल पर सफलता का परचम लहरा रही हैं. महिलाओं के हुनर और मजबूत इरादों की एक झलक जयपुर के गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर दिखाई देती है. इस स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथ में ही है. यहां टिकट काउंटर से लेकर ट्रेन की आवाजाही और स्टेशन मैनेजमेंट से जुड़ा हर कार्य महिलाएं ही करती हैं.

महिलाओं को एक पूरा रेलवे स्टेशन कार्य करने के लिए समर्पित किया गया है. घर की जिम्मेदारी के साथ-साथ रेलवे स्टेशन का संचालन जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी महिलाएं संभाल रही हैं. महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन को मील का पत्थर कहा जाता है. यहां ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाली वाले गार्ड से लेकर टिकट चेक करने वाली टीटीई और सफाई व्यवस्था तक हर मोर्चे पर महिलाएं अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं. गांधीनगर रेलवे स्टेशन अपने आप में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है.

गांधी नगर रेलवे स्टेशन महिला सशक्तिकरण का उदाहरण.

गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर से लेकर पॉइंटमैन और सफाई कर्मी तक महिला कर्मचारी तैनात हैं. स्टेशन पर 35 महिलाओं का स्टाफ है. इसके अलावा 30 महिला स्टाफ आरपीएफ थाने में कार्यरत है. स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल में महिला बटालियन तैनात की गई है. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे में महिलाएं काम कर रही हैं.
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फरवरी 2018 में महिलाओं को सौंपी कमानःमहिला सशक्तिकरण की दिशा में फरवरी वर्ष 2018 में गांधीनगर रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथों में सौंपी गई थी. तब से लेकर आज तक महिलाएं रेलवे स्टेशन का संचालन कर रही हैं. शुरुआती दौर में महिलाओं को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा था. लेकिन अब धीरे-धीरे यहां पर कार्यरत महिलाएं अपने कार्य को बखूबी अंजाम देने लगी हैं.

गांधीनगर रेलवे स्टेशन अधीक्षक ऐंजल स्टेला ने बताया कि गांधीनगर रेलवे स्टेशन अपने आप में एक महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है. 18 फरवरी 2018 को गांधीनगर रेलवे स्टेशन को महिला स्टेशन के रूप में सभी पदों पर महिला कर्मचारी और अधिकारियों को तैनात किया गया. कई काम महिलाओं के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं. शटिंग का काम ज्यादा मुश्किल होता है. पावर को काटना और अटेच करना रिस्की रहता है. इस कार्य के लिए महिला पॉइंट्स मैन तैनात रहती हैं.

महिलाएं बखूबी संभाल रही रेलवे स्टेशन

अलग-अलग शिफ्ट में महिलाएं अपना काम बखूबी से निभा रही है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में लोगों को लगता था कि महिलाएं किस तरह से काम करेंगी. ज्यादातर स्टेशनों पर स्टेशन अधीक्षक और स्टेशन मास्टर के पद पर पुरुष तैनात रहते हैं. लेकिन गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर सभी स्टाफ महिला है. टीसी के पद पर भी महिला कर्मी तैनात हैं, जो बड़े अच्छे से यात्रियों को डील करती हैं.
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सीसीटीवी से चप्पे-चप्पे की निगरानीः सुरक्षा के तौर पर गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. महिला कर्मी दिनभर सीसीटीवी कैमरों के जरिए मॉनिटरिंग करती है. जिससे किसी भी तरह की कोई समस्या हो तो तुरंत समाधान किया जा सके. रेलवे सुरक्षा बल का भी काफी सहयोग रहता है. यहां पर स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, पॉइंट्स मैन, हेड टीसी, टीसी, चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर, रिजर्वेशन सुपरवाइजर, चीफ बुकिंग सुपरवाइजर, बुकिंग क्लर्क, हेल्थ इंस्पेक्टर, आरपीएफ इंस्पेक्टर समेत आरपीएफ स्टाफ सभी महिला ही हैं.

महिलाओं की प्रतिभा और जुनून से जुड़ा गांधीनगर स्टेशन

परिवार ने किया सपोर्ट तो बखूबी संभाल रहे जिम्मेदारीः आरपीएफ थाना एसएचओ मनीषा चेतवानी ने बताया कि रेल विभाग और आरपीएफ दोनों के बीच सामंजस्य से काम कर रहे हैं. संदिग्ध लोगों की निगरानी समेत गुमशुदा लोगों की भी समय-समय पर मदद कर रहे हैं. मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने से हमेशा आगे आने का मन बनाया है. घरवालों से छुपकर परीक्षा दी थी. परिवार में मां के अलावा अन्य किसी सदस्य को जानकारी नहीं थी. लेकिन परिवार ने पूरा सपोर्ट किया. कॉलेज में एनसीसी ज्वाइन की इसके बाद आरपीएफ में सिलेक्शन हो गया था. रेलवे स्टेशन पर सभी महिला कर्मचारी मिलजुल कर काम कर रहे हैं. हौसला रख कर हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे आना चाहिए.

गांधी नगर रेलवे स्टेशन महिला सशक्तिकरण का उदाहरण
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काम में नहीं होनी चाहिए हिचकः महिला कर्मचारियों ने बताया कि महिला स्टेशन पर ड्यूटी करने में बहुत अच्छा लगता है, यहां पर कोई भी परेशानी नहीं है. सभी महिलाएं मिलकर बखूबी से अपना काम करती हैं. उन्होंने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि बाहर अपना काम करने में महिलाओं को हिचक नहीं होनी चाहिए. महिला किसी से कम नहीं हैं. जिस तरह से हम लोग काम कर रहे हैं, वैसे सभी महिलाएं काम कर सकती है. इस काम के लिए पुरुषों के बराबर ट्रेनिंग दी गई है. महिलाओं के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है. महिलाएं हर काम को अच्छे से कर सकती हैं.

Last Updated : Mar 9, 2022, 9:25 AM IST

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