जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार ने 60 हजार नर्सों को बड़ा तोहफा दिया है. International Nurses Day पर सरकार ने लंबे समय से चली आ रही नर्सिंग कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए उनके पदनाम में बदलाव कर दिया है. प्रदेश के नर्सिंग कर्मचारी नर्सिंग ऑफिसर के नाम से पहचाने जाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया. सरकार के निर्णय का नर्सों ने स्वागत किया.
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मंत्रिपरिषद की बैठक में नर्सों के पदनाम बदलने के जिस फैसले के ऊपर मोहर लगाई गयी. उसके अनुसार अब नर्से ग्रेड 2nd का पदनाम अब नर्सिंग ऑफिसर होगा. इसी तरह नर्सेज ग्रेड 1st को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर कहा जायेगा. नर्सेज ट्यूटर को भी अब व्याख्याता पदनाम से सम्बोधित किया जायेगा. पदनाम बदलने की नर्सों की ये मांग लम्बे समय से चली आ रही थी. जिसपर आज सरकार ने मुहर लगा दी.
हालांकि चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने नर्सेज के एक कार्यक्रम में सुबह ही इस तरह के फैसले के संकेत दे दिए थे. चिकित्सा मंत्री ने ही ये प्रस्ताव मंत्रिपरिषद को भेजा था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में 3 घंटे चली मंत्री परिषद की बैठक में कई ओर अहम फैसले लिये गये. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार के इस फैसले के बारे में मीडिया को बताया.
वुमन नर्सेज ऑर्गेनाइजेशन ने जताया आभार
पदनाम परिवर्तन की 6 साल से चली आ रही मांग बुधवार को जैसे ही पूरी हुई नर्सेज से जुड़े विभिन्न एसोसिएशनंस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का आभार जताया. प्रदेश के एकमात्र महिला नर्सिंगकर्मियों के संगठन वुमन नर्सेज ऑर्गेनाइजेशन की प्रदेशाध्यक्ष और कोविड-19 की नोडल ऑफिसर विनीता शेखावत ने कहा कि इससे प्रदेश के 60 हजार से ज्यादा नर्सिंगकर्मियों में खुशी की लहर है.
उन्होंने कहा कि नर्स ग्रेड प्रथम को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, नर्स ग्रेड द्वितीय को नर्सिंग ऑफिसर का पदनाम देकर राजस्थान सरकार ने नर्सेज को बहुत बड़ा सम्मान दिया है. वुमन नर्सेज ऑर्गेनाइजेशन की नर्सेज अपने घर परिवार से दूर अब दुगुने उत्साह के साथ काम करेंगी.