जयपुर.ग्रेटर नगर निगम की कार्यवाहक महापौर शील धाबाई ने अपनी पहली बैठक में बीवीजी कंपनी के भुगतान संबंधी मामलों की नियमानुसार गणना कर 1 सप्ताह में निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही 7 दिन में शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने, हर घर से कचरा एकत्रित करने और कचरा डिपो समय पर साफ होने के निर्देश दिए. शील धाभाई ने हुडको से प्राप्त होने वाले 100 करोड़ रुपए के लोन की पत्रावली का अनुमोदन कर गारंटी के लिए राज्य सरकार को भी प्रेषित किया.
बीवीजी के भुगतान का मामला डॉ सौम्या गुर्जर जिस मसले के चलते विवादों में पड़ी, कार्यवाहक महापौर बनी शील धाभाई ने आते ही उप महापौर और सफाई समिति चेयरमैनों को दूर रखते हुए उस प्रकरण को निस्तारित करने के निर्देश दे डाले. शील धाभाई ने कहा कि कंपनी और निगम की व्यवस्था बिगड़ रही थी. एक दूसरे में तालमेल का अभाव था. इस मीटिंग में कम्युनिकेशन गैप को दूर करने का प्रयास किया गया.
7 दिन में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि जिस तरह से 7 दिन में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का लक्ष्य है, इस क्रम में आगे बढ़े हैं. बीवीजी की 7 दिन परीक्षा ली जाएगी और उस हिसाब से पेनल्टी भी लगाई जाएगी. जो उनके द्वारा मान्य होगी. वहीं पुराने बिलों को वेरीफाई कर भुगतान करने के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जितना सरकार ने मंजूरी दी है, उसे भुगतान कर दिया जाएगा.
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इसके अलावा बैठक में उन एजेंडों को शामिल किया गया जो बोर्ड बैठक में पास होने के बाद भी क्रियान्वित नहीं हो पा रहे थे. जिसमें विकास कार्यों के लिए हुडको से 100 करोड़ लोन लेना प्रमुख था. इसकी पत्रावली राज्य सरकार को भेजी गई है. साथ ही पार्षदों को लैपटॉप देने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के लिए पत्रावली का अनुमोदन किया गया.
सफाई कर्मचारियों को हाथ गाड़ी उपलब्ध कराने के निर्देश
वहीं सफाई कर्मचारियों को हाथ गाड़ी उपलब्ध कराने और प्रत्येक वार्ड में बनाए जाने वाले हाजिरीगाह की निविदा पत्रावली का भी अनुमोदन कर कार्यादेश जारी किए गए हैं. प्रत्येक वार्ड में दो अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति होनी थी, उसका टेंडर जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही पार्षद कार्यालय में पहुंचाए गए फर्नीचर की क्वालिटी की शिकायतें मिल रही थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए फर्नीचर क्वालिटी की जांच कर, खराब पाए जाने की स्थिति में उन्हें तुरंत रिप्लेस करने के निर्देश दिए गए हैं.
बैठक से चेयरमैनों को रखा दूर
हालांकि इस बैठक से उपमहापौर और सफाई समिति के चेयरमैनों को भी दूर रखा गया. इस पर कार्यवाहक महापौर ने कहा कि इस बैठक को पॉलिटिकल नहीं बनाना चाहते थे. वो खुद पहले अधिकारियों और बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधियों से वार्ता करना चाहती थीं.