राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

खबर का असर : जन्म प्रमाण पत्र में हुई भूल सुधरेगी, अस्पताल प्रशासन को दिए निर्देश

बच्चे के जन्म के दौरान अस्पताल में रजिस्ट्रेशन में हो रही छोटी सी भूल हो जाने पर परिजनों को नगर निगम के चक्कर काटने पड़ते है. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस समस्या को लेकर निगम प्रशासन ने अस्पताल प्रशासन, नगर निगम और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की कार्यशाला रखी. जिसमें अस्पताल प्रशासन को भूल सुधार के गुर बताए गए.

जयपुर की खबर, birth certificate
रजिस्ट्रेशन में हो रही भूल में अब होगा सुधार

By

Published : Mar 2, 2020, 5:58 PM IST

जयपुर.ईटीवी भारत पर 'छोटी सी भूल लगवा रही चक्कर पे चक्कर' खबर प्रसारित होने के बाद निगम प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए अस्पताल प्रशासन, नगर निगम और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की कार्यशाला रखी. साथ ही सरकारी अस्पताल प्रशासन को तो प्रसूता की डिलीवरी के तुरंत बाद उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

रजिस्ट्रेशन में हो रही भूल में अब होगा सुधार

बच्चे के जन्म के दौरान अस्पताल में रजिस्ट्रेशन में हो रही छोटी सी भूल में अब सुधार होगा, ताकि लोगों को बाद में नगर निगम के चक्कर ना काटने पड़ें. निगम प्रशासन, जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन के कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन हुआ.

रजिस्ट्रेशन के लिए लगी महिलाओं की लंबी लाइन

इस कार्यशाला में अस्पताल प्रशासन को भूल सुधार के गुर बताए गए. इस संबंध में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि अस्पतालों को संबंधित व्यक्ति की आईडी लेकर उसी के अनुसार पूरा नाम और पता लिखकर रजिस्ट्रेशन करने के निर्देश दिए गए हैं और सरकारी अस्पताल प्रशासन को प्रसूता की डिलीवरी के तुरंत बाद उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं.

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की गलतियों में होगा सुधार

पढ़ें-चौमू विधायक रामलाल शर्मा के खिलाफ पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर ने भी निगम अधिकारियों से जानकारी ली और इस परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए. बता दें कि संतान के जन्म के दौरान अस्पताल में रजिस्ट्रेशन में लोग जल्दबाजी में माता-पिता का अधूरा या बोलता नाम लिखवा देते हैं. यही नहीं पता भी अधूरा लिखवा दिया जाता है. जो प्रमाण पत्र पर भी अंकित हो जाता है. ऐसे में संशोधन के लिए शपथ पत्र देने से लेकर कई कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है. जिसमें समय भी ज्यादा लगता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details