जयपुर. प्रदेश में भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम के लिए पीसीपीएनडीटी अधिनियम को गंभीरता से लागू करने पर विशेष बल दिया जा रहा है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने इसके लिए प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को और अधिक प्रभावी बनाकर योजना की प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की है. योजना की प्रोत्साहन राशि 2.5 लाख से बढ़ाकर अब 3 लाख रुपये कर दिया गया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर बुधवार को मुखबिर योजना की प्रोत्साहन राशि बढ़ाई गई.
गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी
डिकॉय ऑपरेशन में गर्भवती महिला की अहम भूमिका होती है. गर्भस्थ शिशु की जोखिम और गर्भवती महिला की परेशानी को देखते हुए गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी की गयी है. पहले गर्भवती महिला को तीन किश्तों में कुल एक लाख रुपये की राशि दी जाती थी, अब उसे दो किश्तों में कुल डेढ़ लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी.
भ्रूण परीक्षण की रोकथाम के लिए मुखबिर योजना की राशि बढ़ाई गई
पूर्व में मुखबिर को तीन किश्तों में 33 हजार 250 प्रति किश्त, सहयोगी को 16 हजार 625 रुपये प्रति किश्त मिलते थे, लेकिन अब मुखबिर को दो किश्तों में 50-50 हजार रुपये और सहयोगी को 25-25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा. प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा की ओर से जारी योजना के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रभावी होंगे.
अब मुखबिर योजना के तहत दो किश्तों में मिलेंगे 3 लाख