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PCPNDT की मुखबिर योजना: प्रोत्साहन राशि 2.5 लाख से बढ़ाकर की 3 लाख रुपये

राजस्थान में भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम के लिए पीसीपीएनडीटी अधिनियम को गंभीरता से लागू करने पर विशेष बल दिया जा रहा है. योजना की प्रोत्साहन राशि 2.5 लाख से बढ़ाकर अब 3 लाख रुपये कर दिया गया है.

डॉ. रघु शर्मा, Informer Scheme of PCPNDT
डॉ. रघु शर्मा

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Published : Jul 7, 2021, 5:45 PM IST

जयपुर. प्रदेश में भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम के लिए पीसीपीएनडीटी अधिनियम को गंभीरता से लागू करने पर विशेष बल दिया जा रहा है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने इसके लिए प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को और अधिक प्रभावी बनाकर योजना की प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की है. योजना की प्रोत्साहन राशि 2.5 लाख से बढ़ाकर अब 3 लाख रुपये कर दिया गया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर बुधवार को मुखबिर योजना की प्रोत्साहन राशि बढ़ाई गई.

गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी

डिकॉय ऑपरेशन में गर्भवती महिला की अहम भूमिका होती है. गर्भस्थ शिशु की जोखिम और गर्भवती महिला की परेशानी को देखते हुए गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी की गयी है. पहले गर्भवती महिला को तीन किश्तों में कुल एक लाख रुपये की राशि दी जाती थी, अब उसे दो किश्तों में कुल डेढ़ लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी.

भ्रूण परीक्षण की रोकथाम के लिए मुखबिर योजना की राशि बढ़ाई गई

पूर्व में मुखबिर को तीन किश्तों में 33 हजार 250 प्रति किश्त, सहयोगी को 16 हजार 625 रुपये प्रति किश्त मिलते थे, लेकिन अब मुखबिर को दो किश्तों में 50-50 हजार रुपये और सहयोगी को 25-25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा. प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा की ओर से जारी योजना के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रभावी होंगे.

अब मुखबिर योजना के तहत दो किश्तों में मिलेंगे 3 लाख

पहले मुखबिर योजना में भ्रूण लिंग परीक्षण संबंधी प्राप्त सूचना पर 3 किश्तों में 2.5 लाख रुपये तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती थी. अब सफल डिकॉय ऑपरेशन पर मुखबिर, डिकॉय गर्भवती महिला और सहयोगी को दो किश्तों में कुल 3 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा.

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योजना के तहत सफल डिकॉय होने पर पहली किश्त 2.5 लाख की

योजना में निर्धारित 2.5 लाख की राशि की पहली किश्त सफल डिकॉय होने पर, दूसरी न्यायालय में परिवाद दर्ज होने और तीसरी किश्त फैसला आने पर दी जाती थी. अब मुखबिर, डिकॉय गर्भवती महिला और सहयोगी को पहली किश्त सफल डिकॉय होने और दूसरी किश्त न्यायालय में अभियोजन पक्ष के समर्थन में बयान के बाद दी जायेगी.

आप इस नंबर पर कर सकते हैं शिकायत

अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी और मिशन निदेशक एनएचएम सुधीर शर्मा ने बताया कि भ्रूण लिंग परीक्षण की रोकथाम में सहयोग करने और इसकी शिकायत टोल फ्री नम्बर 104/108 और वाट्सएप नम्बर 9799997795 पर देने की अपील की है.

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