जयपुर.लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले प्रेस की आजादी और स्वतंत्रता को लेकर तमाम बातें की जाती हैं, लेकिन भारत में इसकी स्थिति ठीक नहीं है. 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' की ओर से जारी रिपोर्ट कह रही है कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (Press Freedom Indesk) में भारत 150वें नंबर पर है. पिछले साल भारत इसमें 142वें नंबर पर था. प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत की रैंकिंग गिरने पर सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार को निशाने (gehlot targeted modi government) पर लेते हुए कहा कि मोदी सरकार में मीडिया के दमन का कुचक्र चला है.
150 वें स्थान पर गिरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2022 में भारत की रैंकिंग 180 देशों में 150वें स्थान पर पहुंच गई है. यह भारतीय मीडिया की दुर्दशा का प्रतीक है. 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से ही प्रेस के दमन का ऐसा कुचक्र चला कि मीडिया पूरी तरह केन्द्र सरकार, भाजपा एवं RSS के इशारे पर नाच रही है.
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मीडिया भय में है
गहलोत ने कहा कि मीडिया में इतना भय व्याप्त है कि निष्पक्षता एवं तर्क के साथ सच दिखाने की बजाय ऐसी कवरेज की जाती है जिससे इनकी नाराजगी न मोल लेनी पड़े. आज महंगाई और बेरोजगारी के कारण जनता में हाहाकार मचा है, परन्तु इस पर मीडिया में कोई चर्चा नहीं हो रही है. सिर्फ धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण की ही बहस चलती रहती है. मीडिया को केन्द्र सरकार के दबाव में न आकर जनता का साथ देना चाहिए. जब मीडिया आमजन के हित की बात करेगा तो जनता भी मीडिया का साथ देगी और केन्द्र सरकार की हिम्मत नहीं होगी कि वह इस पर अंकुस लगा सके.