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विधानसभा सत्र बुलाना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा और संवैधानिक अधिकार : निर्दलीय विधायक

प्रदेश में चल रही सियासी घमासान के बीच सीएम गहलोत ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी और इसके बाद उनके विधायकों ने राजभवन में धरना भी दिया था. वहीं इस मामले को लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने एक बयान दिया है. उनका कहना है 'सत्र बुलाना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. 6 महीने के बीच दूसरा सत्र बुलाना अनिवार्य है.'

निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा से जुड़ी खबर.  mla Sanyam Lodha statement
निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा

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Published : Jul 25, 2020, 2:08 PM IST

जयपुर.राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस विधायकों की होटल फेयरमाउंट में बाड़ेबंदी लगातार जारी है. बाड़ेबंदी में मौजूद निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि एक बार फिर से राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा.

निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा

उन्होंने कहा कि कल कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी, लेकिन विधानसभा सत्र के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और यह नजारा शुक्रवार को राजभवन में सबने देख लिया. सरकार की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.

उन्होंने विधानसभा सत्र पर कहा 'सत्र बुलाना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. 6 महीने के बीच दूसरा सत्र बुलाना अनिवार्य है. वैसे भी राजस्थान विधानसभा सत्र की समाप्ति को साढ़े 4 माह का वक्त हो चुका है. सत्र बुलाना संविधानिक अधिकार है. राज्यपाल ने जो स्पष्टीकरण चाहे हैं, वह मंत्रिमंडल की बैठक में विचार किया जाएगा. नए सिरे से वापस सत्र का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाकर राज्यपाल को भेजा जाएगा. राज्यपाल से शुक्रवार को भी प्रार्थना की गई थी कि विधानसभा सत्र आहूत होना चाहिए.'

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उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह सुरक्षित है शुक्रवार को राजभवन में सभी ने माथे गिन भी लिए होंगे. कोरोना को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना सबके लिए नया था. सभी ने सीखा कि कैसे कोरोना से मुकाबला किया जाए. सभी जगह गतिविधियां रुकी, लॉकडाउन हुआ और सभी काम रुक गए. इस समय भी देश के कई राज्यों में विधानसभा सत्र आहूत किए जा चुके हैं.

उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी षड्यंत्र रच रही है और इन सभी चीजों को लेकर भ्रम का वातावरण बना हुआ है, जबकि यह सब संवैधानिक अधिकार है. जो आपत्ति या राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजी है, उन सभी को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की गई है. विधानसभा सत्र को लेकर कैबिनेट मीमो नए सिरे से तैयार किया जाएगा और इसे फिर से राज्यपाल के पास भेजा जाएगा.

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