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SPECIAL: लॉकडाउन के बाद निजी वाहनों पर बढ़ी निर्भरता, DL बनवाने को RTO दफ्तर पर लग रही कतार - Increased dependence on private vehicles

लॉकडाउन के बाद से ही देशभर में सार्वजनिक यातायात बंद चल रहे हैं. रेल सेवाएं कब चालू होंगी कुछ कहा नहीं जा सकता. बस सेवाएं कुछ शर्तों के साथ शुरू की गईं हैं. ऐसे में अब लोग निजी वाहनों से सफर करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इस कारण आरटीओ दफ्तर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों की कतार लग रही है. पहले की तुलना में आवेदकों की संख्या दोगुना तक बढ़ गई है.

queue at rto office for dl
डीएल बनवाने को आरटीओ दफ्तर पर लग रही कतार

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Published : Jul 21, 2020, 5:30 PM IST

Updated : Jul 22, 2020, 3:34 PM IST

जयपुर. देशभर में कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश भर में इसे लेकर संपूर्ण लॉकडाउन भी लगाया गया था. अब लॉकडाउन तो खुल गया है लेकिन यातायात सेवाएं बंद ही हैं. ज्यादातर लोग आवागमन के लिए निजी वाहनों पर ही भरोसा कर रहे हैं. यही कारण है कि इन दिनों ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ दफ्तर में भीड़ जुट रही है. महीनों से सूने इस दफ्तर में अचानक आवेदनकर्ताओं की कतार लगने लगी है.

डीएल बनवाने को आरटीओ दफ्तर पर लग रही कतार

पब्लिक ट्रांसपोर्ट फिलहाल पब्लिक के लिए उपलब्ध नहीं है. 12 अगस्त तक देशभर में ट्रेनों का संचालन पूर्ण रूप से बंद है. केवल डोमेस्टिक फ्लाइट ही शुरू की गईं हैं. रोडवेज बसें सरकार की कुछ शर्तों के साथ ही चल रही है, लेकिन उससे सफर करने में भी लोग कतरा रहे हैं. वहीं संक्रमण काल में जयपुर आरटीओ प्रशासन के लिए राहत भरी खबर है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठप होने से ज्यादातर लोग दूर का सफर भी निजी वाहनों से ही कर रहे हैं. ऐसे में डीएल बनवाने आने वालों की संख्या में इजाफा हो गया है.

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लॉकडाउन के बाद बढ़ी आवेदनकर्ताओं की संख्या

परिवहन आयुक्त रवि जैन की माने तो विभाग के पास लॉकडाउन के पहले के आवेदन भी पड़े हुए हैं जबकि कुछ दिनों से नया लाइसेंस बनवाने आने वालों की संख्या भी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि लगातार काम करके पेंडेंसी को खत्म किया जा रहा है. शनिवार और रविवार को भी कार्यालय खोले जा रहे हैं. वहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने और नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने से अधिक लोग लाइसेंस बनवाने पहुंच रहे हैं.

आरटीओ दफ्तर पर जुट रही भीड़

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एक महीने का नहीं मिल रहा स्लॉट

यातायात सलाहकार राजेंद्र पटेल की मानें तो अभी परिवहन विभाग में लाइसेंस के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है. मार्च से पहले तक जयपुर झालाना आरटीओ कार्यालय में 250 लाइसेंस तक रोजाना बनाए जाते थे तो वहीं अब इनकी संख्या 500 तक बढ़ गई है. ऐसे में अब आने वाले 1 माह तक आम लोगों के लिए स्लॉट भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद आमजन में जागरूकता भी बढ़ी है. पहले ज्यादातर लोग बिना लाइसेंस के ही वाहन चलाते थे लेकिन अब कोरोना काल में चेकिंग बढ़ने पर लाइसेंस भी बनवा रहे हैं ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह खुद के साधन से कहीं भी जाने में दिक्कत न हो.

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बिचोलिए उठा रहे लाभ

आरटीओ में लाइसेंस बनवाना आसान काम नहीं है. हफ्तों दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते हैं. ऐसे में लोग एजेंटों को अतिरिक्त राशि देकर भी लाइसेंस बनवा रहे हैं. इससे दलालों की चांदी हो गई है. वहीं लोगों को भी हजार रुपये अतिरिक्त देकर घर बैठे लाइसेंस मिल जाता है. आरटीओ कार्यालय के अंदर और एजेंटों का जमावड़ा लगा रहता है.

पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों पर एक नजर

मार्च से 20 जून तक: 3467 परमानेंट लाइसेंस, 473 डुप्लीकेट
अप्रैल : 0
मई 466 परमानेंट लाइसेंस , 1120 डुप्लीकेट
जून 4491 परमानेंट लाइसेंस, 872 डुप्लीकेट

Last Updated : Jul 22, 2020, 3:34 PM IST

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