जयपुर.करोड़ों के हिसाब को कोड वर्ड में छुपाया गया है, जिसको लेकर आयकर विभाग की टीम उलझन में पड़ी हुई है. कोड को डि-कोड करने का प्रयास किया जा रहा है. आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. 19 जनवरी को जयपुर में तीन कारोबारी समूह के ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की गई थी. सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग से मिले एंटीक आइटम्स और कोड वर्ड में मिली अघोषित संपत्ति के दस्तावेजों ने आयकर विभाग की कार्रवाई को लंबा कर दिया है. कार्रवाई को लेकर आयकर विभाग के अधिकारियों की ओर से कोई स्टेटमेंट भी अभी तक जारी नहीं हुआ है. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर अघोषित आय का आकलन 700 करोड़ से भी ज्यादा हो चुका था, जिसके बाद सुरंग में कई करोड़ों का हिसाब मिला है, जिससे अब यह आकलन कई गुना बढ़ सकता है.
सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर करोड़ों रुपए के एंटीक आइटम्स मिले हैं, जिनको लेकर डीजीजीआई ने भी जांच शुरू कर दी है. डीजीजीआई की ओर से जीएसटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ प्रिसियस एंड सेमी प्रिसियस स्टोन और एंटीक आइटम जीएसटी के दायरे में आते हैं, जिस पर जीएसटी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. जयपुर पुलिस एंटीक आइटम्स को लेकर कार्रवाई करेगी. पुलिस अभी आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म होने का इंतजार कर रही है. आयकर विभाग की कार्रवाई को खत्म होने के बाद पुलिस भी विदेशियों को एंटीक सामान बेचने के मामले में जांच पड़ताल करेगी.
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बता दें कि राजधानी जयपुर में आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई जारी रही है. आयकर विभाग के छापेमार कार्रवाई के दौरान करोड़ों रुपए की अघोषित आय उजागर हुई है. आयकर विभाग की कार्रवाई में ज्वैलर समूह के ठिकाने पर मिली सुरंग में करोड़ों रुपए का हिसाब बरामद हुआ है. सुरंग में मिले दस्तावेजों में कोड वर्ड में करोड़ों का हिसाब छुपा हुआ है. आयकर विभाग कोड को डि-कोड करने में जुटा हुआ है. आयकर विभाग को सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग में बेनामी संपत्ति के काफी सबूत मिले हैं. दस्तावेज और एंटीक सामान के साथ कोड वर्ड में लेन देन का ब्योरा मिला है. यह ब्योरा डि-कोड होने पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति और अघोषित लेन-देन का खुलासा कर सकता है. विभाग कारोबारी की अघोषित आय की गणना करने में जुटा हुआ है.