जयपुर. भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने सतत विकास के लक्ष्यों पर अपनी तीसरी रिपोर्ट 2020-21 जारी कर दी है. नीति आयोग की विकास रिपोर्ट में राजस्थान उन सभी दावों पर पानी फिर गया, जिसको लेकर गहलोत सरकार दावा कर रही थी. राजस्थान विकास के पथ पर नित नई आयाम स्थापित कर रहा है. रिपोर्ट में राजस्थान उन राज्यों की सूची में शुमार हुआ है, जहां के विकास की रफ्तार सुस्त है.
Sustainable Development Goals नाम की इस रिपोर्ट में राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति पर प्रदर्शन का आंकलन किया जाता है. इस बार की रिपोर्ट में केरल टॉप स्थान पर रहा है, जबकि बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. झारखंड की स्थिति भी अच्छी नहीं है और वह बिहार से ऊपर है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दिल्ली में गुरुवार को इस रिपोर्ट को लॉन्च किया. उन्होंने ने कहा कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड के माध्यम से एसडीजी की निगरानी के हमारे प्रयास को दुनिया पहचान मिल रही है और इस डाटा का उपयोग विकास के प्रोजेक्ट पर किया जा रहा है.
बता दें कि नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स में राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में इनकी प्रगति को मापता और इसी के आधार पर उनकी रैंकिंग करता है. इस बार इस रिपोर्ट में 17 लक्ष्यों पर 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन का आंकलन किया गया है. इस रिपोर्ट में अगर 5 टॉप परफॉर्मर राज्यों की बात करें तो टॉप फाइव की लिस्ट में केरल प्रथम, दूसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड, चौथे नंबर पर सिक्किम और पांचवें नंबर पर महाराष्ट्र है. केरल 2019 की रैंकिंग में भी पहले स्थान पर था.
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