राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

विधायक से जिला अध्यक्ष : विधायकों ने मांगे जिला अध्यक्ष के पद...सरकार में हिस्सेदारी की थी आस, अब बदली स्ट्रेटजी

राजनीतिक उठापटक के समय विधायकों को सरकार से वादा मिला था कि हर विधायक को सरकार में पद मिलेगा. लेकिन अब समय गुजरता देख और चुनाव में घटते समय के चलते जिलाध्यक्ष पद के लिए एक दर्जन विधायक अपने लिए या परिजनों के लिए पद मांग रहे हैं.

विधायक से जिला अध्यक्ष
विधायक से जिला अध्यक्ष

By

Published : Jul 10, 2021, 7:31 PM IST

जयपुर.राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने जब से जिला अध्यक्षों के नाम के पैनल सीधे संगठन के जिला प्रभारियों से मांगे हैं, तब से जिला अध्यक्षों को लेकर हलचल तेज हो गई है. हालांकि अब यह कहा जा रहा है कि भले ही अजय माकन पैनल मंगवा चुके हों लेकिन जिला अध्यक्षों की घोषणा मंत्रिमंडल विस्तार के आसपास ही होगी.

फिलहाल, जिला अध्यक्षों की घोषणा कब होगी, यह तो कांग्रेस आलाकमान के पायलट कैंप ओर गहलोत कैंप के बीच शांति बहाल करने के बाद पता चलेगा लेकिन जिलाध्यक्ष बनाने में विधायकों को वरीयता दी जाएगी, यह बिल्कुल साफ है. दरअसल कांग्रेस पार्टी अपने 39 जिला अध्यक्षों में से कम से कम एक दर्जन से ज्यादा जिला अध्यक्ष विधायकों को बनाने का प्रयास कर रही है.

इन विधायकों ने मांगे जिलाध्यक्ष पद

बीते साल राजस्थान में जब सियासी उठा-पटक हुई तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार बचाने वाले विधायकों से वादा किया था कि कोई भी विधायक केवल विधायक नहीं रहेगा. उनके कहने का मतलब था कि हर विधायक को सरकार में कोई न कोई पद जरूर दिया जाएगा. चाहे वह राजनीतिक नियुक्ति हो या फिर मंत्रिमंडल विस्तार.

विधायकों को दिए जाने वाले पदों में संगठन के पद पहले शामिल नहीं थे. राजस्थान में हुई राजनीतिक उठा-पटक को 1 साल का समय गुजर चुका है. ऐसे में जो विधायक सरकार में हिस्सेदारी की आस लगाए बैठे थे, वे अब अपना नम्बर कैबिनेट विस्तार या राजनीतिक नियुक्तियों में नहीं आता देख और चुनाव का समय नजदीक आता देख जिला अध्यक्ष की दौड़ में भी शामिल हो गए हैं.

पढ़ें - दिग्गज नेता शीशराम पर 'आमने-सामने' : BJP दफ्तर के बाहर युवा जाट महासभा के युवा और भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के बीच तनातनी, पुलिस ने बमुश्किल संभाले हालात

राजस्थान के एक दर्जन से ज्यादा विधायक या तो खुद जिला अध्यक्ष बनना चाहते हैं या फिर अपने किसी परिजन को जिलाध्यक्ष बनाने का प्रयास कर रहे हैं. राजनीतिक उठा-पटक के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार का साथ देकर बचाने वाले विधायकों से वादा किया था कि वह उनके अभिभावक के तौर पर काम करेंगे और कोई भी विधायक अब विधायक नहीं रह कर किसी न किसी सरकारी पद पर होगा.

परिस्थितियां बदलीं तो राजनीतिक समीकरण भी बदल गए और सचिन पायलट कैंप की वापसी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए भी यह संभव नहीं है कि वह अपने कैम्प में शामिल सभी विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां दे सकें या फिर अपने कैंप के विधायकों को ही कैबिनेट विस्तार में शामिल करें. ऐसे में खुद मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि कुछ विधायक जिला अध्यक्ष बन जाएं. क्योंकि जो विधायक जिला अध्यक्ष बनेंगे उनका नाम खुद ही राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार से कट जाएगा. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी जिन विधायकों को एडजस्ट करना है, उनकी संख्या कम रह जाएगी.

जिला अध्यक्ष के पद के दावेदार विधायकों की बात करें तो जयपुर शहर से रफीक खान, जयपुर देहात से गोपाल मीणा, नागौर से मंजू मेघवाल, श्रीगंगानगर से जगदीश जांगिड़, अजमेर देहात से राकेश पारीक, हनुमानगढ़ से अमित चाचाण, बीकानेर ग्रामीण से गोविंद मेघवाल, अलवर से साफिया जुबेर, धौलपुर से रोहित बोहरा और प्रतापगढ़ से रामलाल मीना शामिल हैं.

वहीं जो विधायक यह चाहते हैं कि उनके परिजनों को जिला अध्यक्ष बनने का मौका मिले उनमें जैसलमेर से रूपाराम मेघवाल या उनकी बेटी अंजना मेघवाल, झुंझनू से रीटा चौधरी या उनके भाई और झुंझुनू से राजकुमार शर्मा या उनके भाई राजपाल शर्मा के नाम शामिल हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details