जयपुर. मानसरोवर में करीब 52 एकड़ जमीन पर सिटी पार्क विकसित किया जा रहा है. ये सिटी पार्क अगले साल आमजन के लिए शुरू कर दिया जाएगा. बीते साल यहां वृहद स्तर पर वृक्षारोपण शुरू किया गया. यहां मियावाकी पद्धति से भी पौधरोपण किया गया. इसी सिटी पार्क में 90 हजार की लागत वाले टोपियरी प्लांट्स भी लगाए जा रहे हैं.
जयपुर के मानसरोवर में 22 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में विकसित होने वाले प्रदेश के सबसे बड़े सिटी पार्क का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. इसमें 18 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में सिटी पार्क और 4 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में फाउंटेन स्क्वायर बनाया जा रहा है. साथ ही वुडलैंड पार्क, मीडो गार्डन, लेब्रिनिथ गार्डन, चिल्ड्रन पार्क, कलर गार्डन, फर्न हाउस गार्डन जैसे कई पार्क देखने को मिलेंगे. जहां थीम बेस्ड प्लांटेशन किया जा रहा है. इन पौधों को दिल्ली की नर्सरी से लाया जा रहा है. वहीं हाउसिंग बोर्ड की टीम हैदराबाद भी स्टडी करने के लिए गई थी. हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा के अनुसार अगले साल आम जनता के लिए इस पार्क को शुरू कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें.वन महोत्सव की 'हकीकत' : इधर वन विभाग सावन में पौधे लगवा रहा...उधर ट्रकों में भरकर गुजरात जा रही लकड़ी
वहीं रविवार से सिटी पार्क माय पार्क कार्यक्रम के तहत एक बार फिर प्लांटेशन का काम शुरू किया गया है. 14 अगस्त तक चलने वाले इस प्लांटेशन के कार्यक्रम में 21 हजार पेड़ लगाए जाएंगे. जिसके लिए आम जनता आरएचबी ग्रीन ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन का प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. यहां कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए 1 घंटे के स्लॉट में 50 लोगों को ही आमंत्रित किया गया है. जिन्हें यहां पेड़-पौधे लगाने के अलावा घर ले जाने के लिए एक निशुल्क पौधा भी उपलब्ध कराया जा रहा है. खास बात ये है कि इस सिटी पार्क में 90 हजार की लागत वाले टोपियरी प्लांट्स भी लगाए जा रहे हैं. क्षेत्रीय लोगों ने अपने घर के नजदीक बनने वाले शहर के सबसे बड़े पार्क में ऑक्सीहब विकसित करने के नजरिए से यहां प्लांटेशन करने में रुचि दिखाई.