जयपुर. विधानसभा में वन मंत्री ने सुखराम बिश्नोई ने अवैध खनन के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. साथ ही यह भी कह डाला कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान चंद्रा ग्रुप से एमओयू कर वहां होटल खुलवा दी. जबकि इसके लिए ना तो पर्यावरण विभाग से एनओसी ली ना ही वन विभाग से.
विधानसभा में गूंजा सांभर झील में पक्षियों की मौत का मामला जवाब में राजेंद्र राठौड़ ने मंत्री से कहा कि आप सरकार में हो. यदि हमने अवैध तरीके से चंद्रा ग्रुप से एमओयू कर होटल खुलवाया तो आप उसकी जांच करवाएं, हम तो यहां बैठे हैं. साथ ही राठौड़ ने आरोप लगाया कि 15 जनवरी को सांभर झील की पैरा फेरी में जो टेंडर किए गए हैं, उन्हें बचाए जाने का काम मंत्री कर रहे हैं. इस दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री जी यह बता दें कि सांभर झील विकास प्राधिकरण बनाएंगे या नहीं और सांभर झील बर्ड सेंचुरी घोषित की जाएगी या नहीं.
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वहीं इस मामले में सदन में वक्तव्य देते हुए वन मंत्री ने कहा कि 22 हजार 976 पक्षियों की इस त्रासदी में मौत हुई है. जबकि 520 पक्षियों को रेस्क्यू के जरिए बचाया गया. वोट बोटूलिज्म बैक्टीरिया के कारण पक्षियों की मौत हुई है और यह बीमारी उत्तरी अमेरिका यूरोप आदि में भी होती है. इस रोग से उन क्षेत्रों में लाखों की संख्या में पक्षी मरती भी हैं.
वहीं मंत्री ने झील क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे खनन और बोरिंगों को भी बंद करवाने की बात कही. मंत्री ने कहा कि हम इस पूरे मामले की भी जांच करवा रहे हैं. सदन में मंत्री के वक्तव्य के दौरान भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने भी सांभर झील में पक्षियों की मौत मामले में सरकार पर कई गंभीर आरोप लगा है.