जयपुर.राजस्थान पाठ्य-पुस्तक मंडल ने इस बार मई में स्कूलों तक किताबें पहुंचाने की तैयारी की थी. लेकिन कोरोना से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं. हालांकि लॉकडाउन से पहले जिलों के संग्रहण केन्द्रों तक करीब ढाई करोड़ किताबें पहुंचा दी गई थी. लेकिन इनका भी वितरण बीच में ही अटक गया.
बुक सेलर्स की होम डिलीवरी व्यवस्था भी फेल... ऐसे में इस बार प्रदेश के करीब 80 लाख छात्रों को किताबों का इंतजार करना पड़ सकता है. हालांकि प्रशासन दावा कर रहा है कि स्कूल खुलते ही किताबें विद्यार्थियों के हाथों में पहुंचा दी जाएंगी. उधर, सीबीएसई से जुड़े कुछ निजी स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाएं तो शुरू की. लेकिन छात्रों के पास किताबें नहीं होने की वजह से इसमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. ऐसे में ये स्कूल अब छात्रों को किताबें होम डिलीवरी करने की तैयारी कर रहे हैं.
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इस बीच राज्य सरकार ने बुक सेलर्स को होम डिलीवरी की छूट प्रदान की है, जिसके चलते मॉडिफाइड लॉकडाउन में शामिल क्षेत्रों में बुक डिपो खुले जरूर. लेकिन होम डिलीवरी के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते ये प्रयोग सफल नहीं हो पाया. इस संबंध में एक बुकसेलर ने बताया कि फोन पर बुक्स की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी जा रही है. वहीं जो शॉप तक पहुंच सकते हैं, उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग पालन करते हुए बुक्स ले जाने के लिए समय देकर बुलाया जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि राजस्थान बोर्ड के पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ है. ऐसे में नई बुक्स की सप्लाई अब तक नहीं हो पाई है.
बता दें कि सरकार ने पहली से पांचवीं, 10वीं और 12वीं के सिलेबस में कोई बदलाव नहीं किया है. जबकि कक्षा छठी से 9वीं और 11वीं कक्षा में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू किया गया है. ऐसे में छात्रों को किताबों के लिए अब लॉकडाउन खुलने का ही इंतजार करना होगा.